सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय (MHA) ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) आरोपियों पर 302 यानी हत्या की धारा लगाकर मामले की तफ्तीश करे. गृह मंत्रालय ने कंझावला केस में दिल्ली पुलिस को 3 PCR वैन और इसके अलावा दो पिकेट में ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने का निर्देश दिया. अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने पीसीआर वैन, चेक पोस्ट के पर्यवेक्षण अधिकारियों को अपना फर्ज निभाने में फेल रहने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश भी दिया है.
गृह मंत्रालय ने दिए 3 अहम निर्देश
बता दें कि कंझावला मामले में गृह मंत्रालय (MHA) ने सख्त कार्रवाई की है. इस बाबत दिल्ली पुलिस को 3 महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं. वारदात के समय जो पीसीआर वैन वहां पर तैनात थीं जिनकी संख्या तीन है, उनमें मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाए. इसके अलावा, जिस समय वारदात हुई, क्षेत्र के डीसीपी स्पष्टीकरण दें कि वहां कानून व्यवस्था के इंतजाम क्या हैं? वारदात के स्थान के आसपास क्षेत्र में पर्याप्त रोशनी का इंतजाम किया जाए.
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के बाद एक्शन
जान लें कि कंझावला कांड के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आदेश दिया था और फिर दिल्ली पुलिस से गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी थी. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने सीनियर अफसर शालिनी सिंह को इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा था. रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने यह अहम आदेश दिया है.
क्या है कंझावला केस?
गौरतलब है कि न्यू ईयर के पहले दिन तड़के अंजलि की स्कूटी को कार ने टक्कर मार दी थी. आरोप है कि कार में फंसी युवती को आरोपियों ने कई किलोमीटर तक सड़क पर घसीटा. बाद में युवती की मौत हो गई. इस केस में पुलिस ने कार सवार लोगों और उनके कई साथियों को अरेस्ट किया है.