हमारे सनातन धर्म में ऐसी अनेक परंपराएं हैं, जो सदियों से चली आ रही हैं. इन्हीं में से एक है बड़ों के पैर छूना. ऋषि-मुनियों के दौर से भी पहले से चली आ रही इस परंपरा में बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद मांगते हैं. यह केवल एक रीति ही नहीं है, इसके अपने तमाम फायदे भी हैं. आज हम इस परंपरा के तमाम पहलुओं के बारे में आपको अवगत कराते हैं.
कुंडली के दोष हो जाते हैं दूर
बड़ों के पैर छूकर (Touching Feet Benefits) आशीर्वाद लेना भारतीय संस्कृति में शिष्टाचार का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि नियमित रूप से ऐसा करने से ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव भी अनुकूल हो जाते हैं और कुंडली के दोष दूर हो जाते हैं.
खत्म हो जाता है अंदर का अहंकार
अपने से बड़ों के पैर छूने (Touching Feet Benefits) का एक फायदा ये है कि ऐसा करने से व्यक्ति के अंदर मौजूद अहंकार खत्म हो जाता है और वह खुद को एक सामान्य प्राणी मानने लगता है. साथ ही उसमें बड़े- बुजुर्गों के प्रति सम्मान का भाव भी बढ़ता है.
दूसरों के प्रति बढ़ता है सम्मान
बड़े-बुजुर्गों के पैर छूने (Touching Feet Benefits) से व्यक्ति के यश, बल और आयु में बढ़ोतरी होती है. ऐसा करने से हमारे मन में दूसरों के प्रति सम्मान का भाव जाग्रत होता है. हमारे पैर छूने से जब बड़े अपना आशीर्वाद देते हैं तो मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बिगड़े काम भी बनने लग जाते हैं.
शरीर बनता है चुस्त-तंदरुस्त
अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करना (Touching Feet Benefits) एक शारीरिक व्यायाम भी होता है. आगे की ओर झुककर चरण स्पर्श करने से शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इससे शरीर मजबूत और तंदरुस्त बनता है.