कुछ दिनों पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया था. उस भाषण में बताया गया था कि 7 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इस ऐलान के बाद कई लोग खुश हुए, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत का एक राज्य ऐसा भी है. जहां की जनता से आयकर के रूप में एक रुपया भी नहीं वसूला जाता है. जी, हां आप सही पढ़ रहे हैं. अगर उस राज्य के लोगों की इनकम करोड़ों रुपये भी हो तो आयकर विभाग उनसे एक रुपये भी नहीं वसूलता है. आइए जानते हैं सिक्किम में ये नियम क्यों बनाया गया है?
क्यों दी गई ये छूट?
इसके लिए आपको भारत के इतिहास के बारे में जानना होगा क्योंकि साल 1950 के दौर में भारत ने सिक्किम के साथ शांति समझौता किया था. उसके तहत सिक्किम भारत के सरंक्षण में आया था. फिर 1975 के समय में इसका पूर्ण विलय हो गया. सिक्किम में चोग्याल शासन चल रहा था. उन्होंने 1948 में सिक्किम इनकम टैक्स मैनुअल जारी किया था और जब इसका भारत के साथ विलय हुआ तो उसमें शर्त थी कि सिक्किमी लोगों को इनकम टैक्स से छूट दी जाएगी. आपको बता दें कि आयकर अधिनियम की धारा 10 (26एएए) के तहत सिक्किम के मूल निवासियों को छूट प्रदान की जाती है.
मूल निवासियों को मिलती है छूट
इनकम टैक्स एक्ट के तहत सिक्किम के मूल निवासियों को ये छूट दी गई है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक फैसला सुनाया था. उसके बाद से सिक्किम के लगभग 95% लोग इस छूट का फायदा उठाते हैं. पहले यह छूट सिर्फ सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट रखने वालों को ही दी जाती थी.
आर्टिकल 371 ए
आपको बता दें कि पूर्वोतर के सभी राज्यों को आर्टिकल 371A के तहत विशेष दर्जा दिया गया है. इसी वजह से देश के दूसरे हिस्से के लोग, यहां संपत्ति या जमीन नहीं खरीद सकते हैं. सिक्किम के मूल निवासियों को इनकम टैक्स की धारा, 1961 की धारा 10 (26AAA) के तहत आयकर में छूट दी जाती है.