पशु पालन करने वाले किसानो के लिए सरकार की ये 4 योजनाए पशु पालन करने वाले किसानो के लिए सरकार ने निकाली ये 4 योजनाए,इसका लाभ कैसे उठाना है, भारत में पशुपालन करने की परंपरा बहुत पुरानी है, लेकिन आज के दौर में काफी बदलाव आ चुका है और सरकार की ओर से भी कई प्रकार की सहयोग दीया जा रहा है, इसलिए आज के इस लेख में पशुपालन के लिए कुछ सरकारी योजना बारे में बात करेंगे, तो आइए जानते हैं।
भारत के कृषि प्रधान देश
ये हम सभी किसी न किसी माध्यम से जानते ही हैं फिर चाहे वह किताबों में पढ़ा हो या नेताओं के भाषणों व नारों में सुना हो, लेकिन हम सबको पता है कि खेती के साथ भारत का एक दूसरा पहलू भी है जो कि खेती-किसानी का एक अहम हिस्सा है । इसके बिना भारत क्या पूरी मानव सभ्यता में खेती की कल्पना नहीं की जा सकती है।
सरकार कई योजनाओ के माध्यम से दूध उत्पादन में सहयता करती है
भारत का दूसरा पहलू पशुपालन है। दरअसल, पशुपालन भारत का बहुत पुराना पेशा है यहां पर कई हजारों सालों से लोग पशुपालन कर रहे हैं लेकिन भारत ने आजादी की लड़ाई के दौरान अमूल दूध जैसी एक संस्था को खड़ा करके देश में सफेद क्रांति की मसाल को जलाया और आजाद होने के बाद कई नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वर्तमान समय में दूध उत्पादन के मामले में भारत पहले स्थान पर है और धीरे- धीरे कई प्रकार की सरकारी योजनाओं की सहायता से आगे ही बढ़ता जा रहा है।
पशु पालन के लिए पशुधन बीमा योजना
देश में सभी पशुपालन करने वाले किसानों अन्य पशुपालकों के लिए चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों और पशुपालकों को उनके पशु की मौत होने पर बीमा होने पर पशुधन बीमा योजना के तहत एक मुश्त राशि उपलब्ध कराई जाती है।
पशु पालन के लिए चारा योजना
डेयरी तथा मत्स्यपालन विभाग द्वारा एक केन्द्र प्रायोजित चारा विकास योजना चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य चारा विकास हेतु राज्यों के प्रयासों में सहयोग देना है।
डेयरी उद्यमिता योजना की लिए सरकार से 25 फीसदी तक सब्सिडी
उद्यमिता विकास योजना (DEDS) के तहत डेयरी लगाने के लिए 25 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है और अगर आप अनुसूचित जाति / जनजाति की कैटेगरी में आते हैं तो आपको 33 फीसदी सब्सिडी मिल सकती है।
राष्ट्रीय डेयरी योजना की 18 राज्यों में लगभग शुरू
इस योजना का उद्देश्य दुधारु पशुहै और बाजार में डिमांड को पूरा करना है। इस योजना को 18 राज्यों में मुख्य रूप से चलाया जा रहा है