बैंक ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी है. रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 नवंबर से बड़े सौदों में इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रु का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने का ऐलान किया है. इसके लिए कुल 9 बैंकों का चुनाव किया गया है. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल होंगे.
RBI ने किया बड़ा ऐलान
ओको बता दें कि डिजिटल रु का इस्तेमाल पहले बड़े पेमेंट और सेटलमेंट के लिए किया जाएगा. रिजर्व बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, इसका इस्तेमाल पहले सरकारी सिक्योरिटीज़ यानि सरकारी बॉन्ड आदि की खरीद बिक्री पर होने वाले निपटारे की रकम के तौर पर होगा. रिजर्व बैंक ने इसके साथ ये भी कहा है कि महीने भर के भीतर खुदरा लेनदेन के लिए भी डिजिटल रु का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च होगा.
डिजिटल करेंसी
क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते शोर के बीच सरकार ने बजट में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लाने का एलान किया था. जिसके बाद रिजर्व बैंक ने डिजिटल रु के लॉन्च का खाका तैयार किया. क्रिप्टो करेंसी की जहां कोई कानूनी मान्यता नहीं है. वहीं रिजर्व बैंक का डिजिटल रु वैध होगा. क्रिप्टो में जहां करेंसी का भाव घटता बढ़ता है. डिजिटल रु में ऐसा कुछ नहीं होगा. क्रिप्टो करेंसीज के पीछे कोई ठोस आधार नहीं होता. वहीं डिजिटल रु के पीछे जिस तरह फिजिकल नोट की छपाई के बदले में अलग से रकम बतौर सिक्योरिटी रखी जाती है. उसी तरह डिजिटल रु के पीछे भी अलग से रिजर्व बैंक सुरक्षा के लिए रकम रखेगा. क्योंकि ये डिजिटल रु रिजर्व बैंक की देनदारी होगा. फिजिकल नोट वाले सारे फीचर डिजिटल रु में भी होंगे. लोगों को डिजिटल रु को फिजिकल में बदलने की सुविधा होगी. अभी तक की योजना के मुताबिक डिजिटल करेंसी के लिए अलग से बैंक खाता खुलवाने की जरूरत नहीं होगी.
क्या खास है इसमें?
डिजिटल रु भी दो तरह का लॉन्च होगा. एक बड़ी रकम के लेनदेन के लिए होगा, जिसका नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी व्होलसेल होगा. सबसे पहले 1 नवंबर से इसी की शुरुआत हो रही है. इसका इस्तेमाल बड़े वित्तीय संस्थान जिसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े सौदे करने वाले संस्थान करेंगे. इसके पायलट के बाद रिटेल के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिटेल भी आएगा. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए कर सकेंगे. ये भी पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुनिंदा जगहों और बैंकों के साथ शुरू होगा. पायलट में सभी आयुवर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा. फिर उनके अनुभवों के आधार पर जरुरत पड़ने पर फीचर्स में बदलाव होगा.