अयोध्या (Ayodhya) के राम मंदिर केस (Ram Mandir Case) पर फैसला सुनाने वाले जज को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपाल नियुक्त किया है. पूर्व जस्टिस अब्दुल नजीर (Abdul Nazeer) को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया दिया गया है. राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व जस्टिस अब्दुल नजीर को लेकर काफी चर्चा हुई थी. पूर्व जस्टिस अब्दुल नजीर इसी साल 4 जनवरी को रिटायर हुए. जब वे रिटायर हुए थे तब सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने उनकी सादगी की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि साल 2019 तक पूर्व जज नजीर के पास पासपोर्ट तक नहीं था. हाल में उन्होंने मॉस्को की यात्रा की थी.
इस हाई कोर्ट में कर चुके हैं प्रैक्टिस
बता दें कि पूर्व जस्टिस नजीर का जन्म 1958 में 5 जनवरी को हुआ था. फिर 18 फरवरी, 1983 को उन्होंने एक एडवोकेट के तौर पर नामांकन करवाया था. कर्नाटक हाई कोर्ट में उन्होंने प्रैक्टिस की थी. 12 मई, 2003 को हाई कोर्ट के एडिशनल जज के रूप में वे नियुक्त किए गए थे.
6 नए चेहरों को बनाया गया गवर्नर
गौरतलब है कि बीजेपी के चार नेताओं और पूर्व जज अब्दुल नजीर समेत 6 नए चेहरों को राज्यपाल बनाया गया है. पूर्व जज नजीर अयोध्या केस में फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सदस्य थे. इसके अलावा महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी और लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर आरके माथुर के त्यागपत्र मंजूर किए गए हैं.
ये बीजेपी नेता बने राज्यपाल
बता दें कि बीजेपी नेता सीपी राधाकृष्णन, लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, गुलाब चंद कटारिया और शिव प्रताप शुक्ला को गवर्नर बनाया गया है. वहीं, महाराष्ट्र में भगत सिंह कोश्यारी की जगह झारखंड के गवर्नर रमेश बैस लेंगे. इसके अलावा आरके माथुर के स्थान पर अरुणाचल प्रदेश के गवर्नर ब्रिगेडियर बी डी मिश्रा (रिटायर्ड) को लद्दाख का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है.