पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से अब राहत मिल सकती है. दरअसल, कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट आने वाली है. साल 2023 के अंत तक दाम घटकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है. यानी अब पेट्रोल-डीजल की कीमत में कटौती का ऐलान सम्भव है.
पेट्रोल डीजल की बढ़ती महंगाई से अब आम लोगों को राहत मिल सकती है. वैश्विक स्तर पर लगातार ईंधन की कीमत बढ़ रही है. लेकिन आने वाले समय में भारत को खुशखबरी मिल सकती है. दरअसल सिटीग्रुप ने भविष्यवाणी की है कि कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट आ सकती है.
सिटीग्रुप ने बताया है कि साल 2022 के अंत तक कच्चे तेल के दाम फिसलकर 65 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है. अगर ऐसा होता है तब 2023 के आखिर तक फ्यूल की कीमत गिर कर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकती है. इस समय क्रूड ऑयल की कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल है, जो घट कर 58 फीसदी नीचे आ सकता है.
सिटीग्रप की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, 'वैश्विक मंदी के चलते कच्चे तेल की मांग में भारी कमी आ सकती है. वैसे भी कच्चे तेल के दामों के इतिहास पर नजर डालें तो जब जब वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट आया है कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.'
दरअसल, 2008 में जब मंदी आई थी तब कच्चा तेल 149 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 35 डॉलर प्रति बैरल तक फिसलकर आ गया था. इसके बाद कोराना महामारी के दौरान भी दुनियाभर में लॉकडाउन के चलते कच्चे तेल के दाम गिरकर 20 डॉलर प्रति बैरल तक आ चुका था. इसके पहले मंगलवार को आर्थिक संकट और मंदी के चलते अमेरिका में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ चुका था. यानी जब भी मंदी आती है, तब मांग में कमी आने से कच्चे तेल की कीमत में गिरावट देखीगी है.
बहरहाल अगर कच्चे तेल के दामों में गिरावट आती है तो सबसे अच्छी खबर भारत के लिए होगी. दरअसल, भारत अपने खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है और विदेशी मुद्रा भंडार से सबसे ज्यादा खर्च कच्चे तेल के आयात पर होता है. यानी अगर कच्चे तेल के दामों में गिरावट होती है तब यहां आम लोगों को सस्ता पेट्रोल डीजल मिलेगा ही, साथ ही साथ विदेशी मुद्रा भंडार की बचत होगी सरकार का वित्तीय घाटा कम होगा.