मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच धीरे-धीरे बयानबाजी तेज हो गई है। इसके साथ शिवसेना में जारी बगावत थमने का नाम नहीं ले रही है। इन सब के बीच शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे ने विधायक संजय शिरसाट द्वारा लिखी खुली चिट्ठी को साझा कर कहा कि ये है विधायकों की भावना। इस पत्र में उद्धव के कल दिए इमोशनल भाषण का जवाब भी दिया गया है। शिंदे द्वारा साझा पत्र में कहा गया कि हमारे साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया और हमारे लिए सीएम आवास के दरवाजे बंद थे।
विधायक संजय ने कहा कि हमारे भगवान शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को वंदन करते हुए ये पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि कल वर्षा बंगले के दरवाजे सही मायनों में सामान्य लोगों के लिए खोला गया। बंगले के बाहर भीड़ देखकर बहुत खुशी हुई। उन्होंने लिखा कि हमें बंगले में प्रवेश नहीं दिया गया और हमारी दिक्कतों को नहीं सुना गया। वे बोले कि हमारे लिए आपके दरवाजे हमेशा बंद थे। आदित्य के साथ अयोध्या जाने से हमें रोका गया। आदित्य को अकेले अयोध्या क्यों भेजा गया? हमें घंटों तक आपके ऑफिस के केबिन के बाहर बैठाया गया।
पत्र में कहा गया कि तीन-चार लाख वोटों से जीतकर आने वाले हम विधायकों के साथ अपमानजनक व्यवहार क्यों किया गया यह हमारा सवाल है। हिंदुत्व, राम मंदिर, अयोध्या ये मुद्दा शिवसेना का है ना फिर हमें अयोध्या जानें से क्यों रोका गया। आपने खुद कई विधायकों को फोन कर कहा कि अयोध्या न जाएं। हम एयरपोर्ट पर चेक इन करके प्लेन में बैठने वाले थे कि आपने शिंदे साहब को फोन कर कहा कि अयोध्या विधायकों के साथ न जाएं। फिर हमें एयरपोर्ट से वापस आना पड़ा। राज्यसभा चुनाव में शिवसेना के वोट नहीं फूटे। फिर विधान परिषद चुनाव में हमें लेकर इतना अविश्वास क्यों दिखाया गया। हमें रामलला के दर्शन क्यों नहीं करने दिया गया।
पत्र में लिखा कि जब हमें वर्षा बंगले में एंट्री नहीं मिल रही थी तब कांग्रेस, एनसीपी के लोग नियमित रूप से आपसे मिल रहे थे और अपने विधानसभा के काम कर रहे थे। भूमिपूजन से लेकर उद्घाटन तक कर रहे थे। साथ ही आपके साथ लिए गए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे थे।
आगे लिखा कि हमारे विधानसभा की जनता हमसे पूछ रही थी कि सीएम अपना है तो निधि विरोधियों को कैसे मिल रही है। उनके काम कैसे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बुरे समय में एकनाथ शिंदे के दरवाजे हमारे लिए खुले थे और उन्होंने हमेशा हमारा साथ दिया। हम सभी शिंदे साहब के साथ हैं।
पत्र में विधायकों ने कहा कि कल के भाषण में आपने जो भी बोला वह इमोशनल था। लेकिन उसमें हमारे सवालों के जवाब हमें नहीं मिले हैं। इसलिए हमारी भावनाओं को आपके पास पहुंचाने के लिए पत्र लिखा गया है।