भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) साल 2023 के जून महीने में चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की तैयारी में है. आपको बता दे कि ये मिशन भविष्य में चांद की सतह पर खोज के लिहाज से बहुत अहम माना जा रहा है. इसके साथ ही अंतरिक्ष एजेंसी अगले साल की शुरुआत में देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के लिए 'एबॉर्ट मिशन' की पहली टेस्टिंग करेगा. इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 'चंद्रयान-3' (chandrayaan-3) मिशन को लॉन्च करने के लिए मार्क-3 का इस्तेमाल किया जाएगा और इसे अगले साल जून में चांद पर भेजने की तैयारी.
इसरो प्रमुख ने बोली बड़ी बात
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने आगे कहा कि एबॉर्ट मिशन और मानवरहित परीक्षण उड़ान की सफलता के बाद इसरो की योजना 2024 के अंत तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजने की है. आपको बता दें कि सितंबर 2019 में चंद्रयान-2 (chandrayaan-2) मिशन के दौरान 'विक्रम' लैंडर को चंद्रमा की सतह पर उतारने का प्रयास विफल रहा था. सोमनाथ ने कहा की 'चंद्रयान-3' (chandrayaan-3) तैयार है और यह चंद्रयान-2 से बिल्कुल अलग है. इस यान की इंजिनीयरिंग बिल्कुल अलग तरीके से काम करती है. हमने इसे काफी मजबूत बनाया है ताकि इसमें पिछली बार जैसी दिक्कतें सामने न आएं. उन्होंने आगे कहा कि इसमें कई तरह के बदलाव भी किए गए हैं.
बेहतर सॉफ्टवेयर से लैस है रोवर
इसरो का दावा है कि यह रोवर यात्रा की ऊंचाई की गणना करने और खतरे की पहचान करने के लिए बेहतर सॉफ्टवेयर से लैस है. 'गगनयान' के संबंध में सोमनाथ ने कहा कि इसरो असल में मानव को स्पेस में ले जाने से पहले छह परीक्षण उड़ानें आयोजित करेगा. इसरो प्रमुख ने कहा कि 'गगनयान' अभियान की तैयारी स्थिरता से चल रही है. आपको बता दें कि गगनयान की पहली गैर-चालक दल वाली उड़ान दो 'एबॉर्ट मिशन' के बाद होगी. इसके जरिए अंतरिक्ष एजेंसी इस बात पर जोर दे रही है कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में चालक दल को बचाने की क्षमता एजेंसी के पास है.