भारत ने बुधवार को ओडिशा तट के पास एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि -3 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. अग्नि -3 इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार यह परीक्षण ‘सामरिक बल कमान’ (एसएफसी) के तत्वावधान में किए गए नियमित प्रशिक्षण प्रक्षेपण का हिस्सा था.‘ बयान के अनुसार प्रक्षेपण पूर्व निर्धारित सीमा के लिए किया गया था. मिसाइल का परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा और यह विभिन्न मानकों पर खरी उतरी.
अग्नि-3 अग्नि मिसाइल सीरीज में तीसरी प्रवेशी है और पहली बार 9 जुलाई, 2006 को इसका परीक्षण किया गया था लेकिन इसमें तकनीकी खराबी आ गई और यह लक्ष्य को भेदे बिना ओडिशा तट से दूर समुद्र में गिर गई थी. यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने और 3,500 किलोमीटर दूर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है.
अग्नि-3 मिसाइल का 2007 में अपनी दूसरी उड़ान में और फिर 2008 में लगातार तीसरे प्रक्षेपण में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था. मिसाइल का पिछला परीक्षण इसी बेस से पिछले साल 18 दिसंबर को किया गया था, जो सफल भी रहा था.
भारत अब भेद सकता है 30 से 5,000 किलोमीटर के बीच का लक्ष्य
मिसाइलों की अग्नि सीरीज में अब अग्नि-1 (700 किमी), अग्नि-2 (2,000 किमी), अग्नि-3 (3,000 किमी), अग्नि-4 (4,000 किमी) और 5,000 किमी की सबसे लंबी मारक क्षमता वाली अग्नि शामिल-5 शामिल है. अग्नि और सामरिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के साथ, भारत आसानी से 30 से 5,000 किलोमीटर के बीच के लक्ष्य को निशाना बना सकता है. ब्रह्मोस 30 से 300 किमी के लक्ष्य को मार गिरा सकती है, जबकि अग्नि उससे आगे की दूरी का ध्यान रख सकती है.