अगर आप भी नौकरी करने विदेश जाना चाहते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. अब सरकार आपको बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है. दरअसल, केंद्र सरकार सामाजिक सुरक्षा समझौतों (SSA) पर अमेरिका और ब्रिटेन के साथ बातचीत कर रही है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसकी जानकारी दी है. अगर दोनों देशों के बीच ये करार होता है तो अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के लिए दोहरा योगदान नहीं करना पड़ेगा.
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
दरअसल, इन देशों के बीच अगर सहमती बनती है तो अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के लिए दोहरा योगदान नहीं करना पड़ेगा. और नियोक्ता सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत कर्मचारियों के लिए दोहरे सामाजिक सुरक्षा योगदान से बच सकेंगे. यानी रोजगार के लिए विदेश जाने वाले लोगों को बड़ा फायदा होगा.
जानिए किन देशों से है करार?
अब बात करते हैं कि भारत किन देशों से बातचीत कर रहा है? भारत का बेल्जियम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड, हंगरी, फिनलैंड, स्वीडन, चेक गणराज्य, नॉर्वे, ऑस्ट्रिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान और पुर्तगाल के साथ सामाजिक सुरक्षा करार है. यानी इन देशों में नौकरी के लिए जाने वालों को सरकार बड़ा लाभ देने की तैयारी में है.
नहीं होगी योगदान की जरूरत
यह एक समझौता है जिसके तहत सहमती होने पर रोजगार के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों को एसएसए देशों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में योगदान करने की जरूरत नहीं होती है. यानी इस समझौते के बाद विदेश जाने वाले भारतीयों को एसएसए देशों में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में योगदान करने की जरूरत नहीं होती है. इस सहमती के बाद वे और उनके नियोक्ता विदेश में सेवा करते हुए भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को जारी रख सकते हैं. यानी कुल मिलाकर सरकार के इस योजना से विदेश जाने वाले कर्मचारियों को जबरदस्त फायदा होने वाला है.