अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नियुक्ति में रेलवे बोर्ड ने बड़ा बदलाव किया है। अब किसी भी मान्यता प्राप्त तकनीकी विश्वविद्यालय या इंजीनियरिंग कालेज से प्रथम श्रेणी में बीटेक पास करने वाले रेलकर्मियों के पाल्य अनुकंपा के आधार पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) बन सकते हैं। रेल कर्मचारी संगठनों ने रेलवे के इस निर्णय का स्वागत किया है।
तैनाती के लिए गठित की जाएगी एसएजी अफसरों की टीम
अभी तक सीधे एसएसई बनने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी (आइआइटी) और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी (एनआइटी) से स्नातक होना अनिवार्य था। रेलवे बोर्ड ने सभी जोन के महाप्रबंधकों और उत्पादन इकाइयों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
ऐसे होगी नियुक्ति
निर्देश में बताया गया है कि महाप्रबंधक (जीएम) स्तर पर गठित वरिष्ठ प्रशासनिक स्तर (एसएजी) के अधिकारियों की टीम ही अनुकंपा के आधार पर एसएसई के पद पर तैनाती के लिए विचार करेगी। तैनाती प्रक्रिया टीम की देखरेख में ही पूरी होगी। रेलवे स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए टेक्निकल स्टैंडर्ड का पेपर तैयार होगा, जिसे उत्तीर्ण करने वालों को ही नियुक्ति दी जाएगी।
तकनीकी डिग्रियां लेने वाले रेलकर्मियों के बच्चों को मिलेगी राहत
बोर्ड ने बताया है कि यह निर्णय आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के साथ 24 और 25 जून को हुई बैठक में हुआ है। एआइआरएफ के सहायक महामंत्री और एनई रेलवे मजदूर यूनियन नरमू के महामंत्री केएल गुप्ता ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि तकनीकी डिग्रियां हासिल करने वाले रेलकर्मियों के बच्चों को इससे राहत मिलेगी।
पीएनएम ने उठाया था मुद्दा
आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ने स्थाई वार्ता तंत्र (पीएनएम) की बैठक में इस समस्या को बोर्ड के समक्ष प्रमुखता से उठाया था। ड्यूटी के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर रेलवे प्रशासन उनके बच्चों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देता है। यह बच्चे अपनी योग्यता के आधार पर रेलवे की परीक्षा पास कर नौकरी पाते हैं।
अनुकंपा के आधार पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर पद पर नियुक्ति के संबंध में आंशिक बदलाव किया गया हैं। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने दिशा- निर्देश जारी कर दिया है