साल 2023 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब तक कई बड़े ऐलान किये हैं. इसमें सरकार की तरफ से पहले के मुकाबले बजट बढ़ाने का ऐलान किया गया. आपको बता दें केंद्र सरकार की इस योजना के लोगों को घर बनाने के लिए सब्सिडी दी जाती है. अब सरकार ने एक बार फिर से इसमें बजट बढ़ाने की घोषणा की है. इससे उन लोगों को फायदा मिलेगा, जिनका अभी तक घर नहीं बना है या वो घर बनाने का प्लान कर रहे हैं.
अर्थव्यवस्था पहले से काफी संगठित हुई
इससे पहले वित्त मंत्री ने सुबह 11 बजे बजट भाषण की शुरुआत की. उन्होंने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि देश की प्रगति से भारत का दुनियाभर में मस्तक ऊंचा हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से काफी संगठित हुई है. भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है. प्रति व्यक्ति आय दोगुने से ज्यादा बढ़ी है. उन्होंने बताया 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए.
हमारी विकास दर 7.0% अनुमानित
वित्त मंत्री ने कहा चालू वर्ष के लिए हमारी विकास दर 7.0% अनुमानित है, यह महामारी और युद्ध के कारण बड़े पैमाने पर वैश्विक मंदी के बावजूद सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है, उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है.
पीएम आवास योजना के लिए ऐसे करें आवेदन
- सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट pmaymis.gov.in पर जाएं
- वेबसाइट के ऊपर आपको 'Citizen Assessment' का ऑप्शन मिलेगा. इस पर क्लिक करें.
- यहां आपको कई ऑप्शन मिलेंगे. आप अपने रहने के हिसाब विकल्प का चयन करें.
- इसके बाद आपको आधार नंबर भरना होगा और चेक पर क्लिक करना होगा.
- इसके बाद एक ऑनलाइन फॉर्म खुलेगा.
- इस फॉर्म में मांगी गई जानकारी को भरें.
- आवेदन को भरने के बाद एक बार पूरी जानकारी को दोबारा से पढ़ लें. संतुष्ट होने के बाद सब्मिट कर दें.
- सब्मिट करने के बाद आपकी स्क्रीन पर एक आवेदन क्रमांक नंबर मिलेगा. इसका प्रिंट निकालकर भविष्य के लिए सुरक्षित कर लें.
किसे मिलता है इस स्कीम का लाभ?
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन लाख से कम आय वाले कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसके पास कोई भी आवास न हो, वह इसका लाभ ले सकता है. इसके लिए 2.50 लाख की सहायता दी जाती है. इसमें पैसे तीन किस्त में दिए जाते हैं. पहली किस्त 50 हजार की. दूसरी किस्त 1.50 लाख की. वहीं, तीसरी किस्त 50 हजार की दी जाती है. कुल 2.50 लाख रुपए में 1 लाख राज्य सरकार देती है. वहीं, 1.50 लाख का अनुदान केंद्र सरकार देती है.