कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार कर्मचारियों के वेतन की लिमिट को बढ़ा सकती। जिसका मतलब, जिन कर्मचारियों की सैलरी 15 हजार या 15 हजार रुपये से कम है तो उनकी सैलरी लिमिट अब 21 हजार रुपये होगी। उदाहरण से समझें तो अगर किसी ईपीएफ कर्मचारी की सैलरी 15 हजार रुपये है तो उसकी सैलरी 21 हजार रुपये प्रति माह होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सैलरी लिमिट 21,000 रुपये प्रति माह की प्रस्तावित वृद्धि का समर्थन एक समिति ने किया है। समिति ने कहा है कि सरकार विचार-विमर्श के बाद की तारीख से वृद्धि को लागू कर सकती है। ऐसे में बढ़ोतरी ईपीएफओ के न्यासियों के केंद्रीय बोर्ड द्वारा स्वीकार किया जाता है, तो लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, एक बार प्रस्ताव लागू होने के बाद यह अनुमानित 7.5 मिलियन अतिरिक्त श्रमिकों को योजना का लाभ मिलेगा। वर्तमान में केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशन योजना के तहत सालाना लगभग 6,750 करोड़ रुपये का भुगतान करती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 20 से अधिक कर्मचारियों वाली किसी भी कंपनी को ईपीएफओ के साथ रजिस्टर्ड होना चाहिए और 15,000 रुपये से कम आय वाले सभी कर्मचारियों के लिए ईपीएफ योजना अनिवार्य किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि लिमिट 21,000 रुपये के होने से अधिक श्रमिकों को सेवानिवृत्ति योजना के दायरे में लाया जाएगा और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना का भी लाभ दिया जा सकेगा।
बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत कर्मचारियों को ईपीएफओ पेंशन और बीमा कोष के रूप में सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करती है। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में, ईपीएफओ ने शुद्ध आधार पर 1.52 मिलियन कर्मचारियों को जोड़ा, जो दिसंबर 2021 में 1.26 मिलियन की तुलना में 21 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।