एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की ताजा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आर्थिक गतिविधियां अब भी महामारी पूर्व के स्तर पर नहीं पहुंच पाई हैं, इसलिए आरबीआइ वृद्धि को समर्थन के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की रफ्तार को अगले साल तक धीमा कर सकता है।
मनीला स्थित एडीबी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। पहले उसने इसके 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। एडीबी ने अगले वित्त वर्ष के लिए भी मुद्रास्फीति के अनुमान को पांच से बढ़ाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया है।
अगले वर्ष भी ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी मुद्रास्फीति
एडीबी ने अपनी प्रमुख एशियाई विकास परि²श्य (एडीओ)-2022 रिपोर्ट में कहा है कि मुद्रास्फीति इस साल और अगले वर्ष भी ऊंचे स्तर पर बनी रहेगी। चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 6.7 प्रतिशत रहेगी, जबकि अगले वित्त वर्ष में यह घटकर 5.8 प्रतिशत पर आ जाएगी। फिर भी यह आरबीआइ के संतोषजनक स्तर से कुछ कम है। सरकार ने आरबीआइ को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। ये दोनों अनुमान एडीओ-2022 के पूर्वानुमानों से अधिक हैं।
अगले साल कम हो सकती हैं नीतिगत दरें
एडीबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में आपूर्ति का दबाव कम होगा, लेकिन मांग पक्ष के दबाव की वजह से मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि आर्थिक गतिविधियां अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से कम हैं लेकिन रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में वृद्धि करेगा। हालांकि, केंद्रीय बैंक आर्थिक गतिविधियों के महामारी-पूर्व के स्तर से नीचे रहने से अगले साल तक नीतिगत दरों में वृद्धि की रफ्तार को कम करने पर विचार करेगा।