ग्राहक अगर जागरूक हो तो कभी धोखा नहीं खा सकता. ग्राहकों की जागरूकता के लिए सरकार की तरफ से समय-समय पर अभियान भी चलाए जाते हैं. इसके लिए टीवी पर विज्ञापन दिखाए जाते हैं. अगर आप इससे वाकिफ नहीं होंगे तो आपसे ठगी हो सकती है. ऐसा ही एक मामला मुंबई में सामने आया है. एक ग्राहक की जागरुकता के सामने शोरूम की मनमानी बिल्कुल भी काम नहीं आई और उसे मुंह की खानी पड़ी है. आइये आपको बताते हैं पूरा माजरा क्या है.
मुंबई के जिला कंज्यूमर फोरम ने कुर्ला मॉल में एक हाई-एंड बैग शोरूम की कारिस्तानी को उपभोक्ताओं का शोषण बताते हुए दंडित किया है. फोरम ने शोरूम को सेवा में कमी और एक कैरी बैग के लिए अतिरिक्त 20 रुपये चार्ज करने पर अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी ठहराया है. अतिरिक्त मुंबई जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने एस्बेडा को वडाला की रहने वाली रीमा चावला को मानसिक पीड़ा और शिकायत की लागत के लिए मुआवजे के रूप में 13,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. चावला को कैरी बैग के लिए भुगतान किए गए 20 रुपये का रिफंड भी मिलेगा. इसके अतिरिक्त, फोरम ने शोरूम को उपभोक्ता कल्याण कोष के लिए 25,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया.
फोरम ने आदेश में कहा कि शोरूम का प्रचार करने के इरादे से कंपनी ने ग्राहकों को अपनी ब्रांडिंग और नाम के साथ कैरी बैग दिए थे और इसके लिए शुल्क भी लिया था. फोरम ने कहा कि उसने ग्राहकों का शोषण किया है. फोरम ने कहा, 'जब ग्राहक सामान खरीदने के लिए दुकान पर आता है, तो उसे ले जाने के लिए कैरी बैग मुफ्त उपलब्ध कराया जाना चाहिए. इसके लिए अतिरिक्त शुल्क लेना अनुचित व्यापार व्यवहार है.'
चावला के वकील प्रशांत नायक ने बताया कि शहर में यह पहला मामला है जहां किसी उपभोक्ता फोरम ने किसी कंपनी को कैरी बैग के लिए अवैध रूप से चार्ज करने का दोषी ठहराया है. नायक ने 24 जनवरी, 2020 को शिकायत दर्ज की थी. शिकायत में कहा गया था कि 4 अगस्त 2019 को चावला ने 1,690 रुपये में एक एस्बेडा बैग खरीदा. बिलिंग एक्जीक्यूटिव ने कैरी बैग के लिए अवैध रूप से 20 रुपये लिए.
मामला जब कंज्यूमर फोरम के पास पहुंचा तो कंपनी ने फोरम के समक्ष शिकायत का जवाब नहीं दिया. जिसके बाद फोरम ने ग्राहक की शिकायत और याचिका पर एक पक्षीय आदेश पारित करते हुए शोरूम को दंडित किया है.