पिछले दिनों हुए एयर इंडिया (Air India) के प्राइवेटाइजेशन के बारे में तो आपको जानकारी होगी ही. इसके बाद अब एक और सरकारी कंपनी नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) टाटा ग्रुप (Tata Group) की हो गई है. नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) के प्राइवेटाइजेशन से जुड़ी प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई. अब एनआईएनल (NINL) का कंट्रोल टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टीएसएलपी (TSLP) के हाथों चला गया है. इस बारे में वित्त मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई.
यह मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हुआ दूसरा प्राइवेटाइजेशन है. इससे पहले टाटा ग्रुप ने ही एयर इंडिया की बोली जीती थी. इस बार भी टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (TSLP) ने एनआईएनल (NINL) के लिए आमंत्रित की गई बोलियों में विजेता घोषित किया गया. घाटे में चल रही एनआईएनएल के लिए टाटा ग्रुप की टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स (TSLP) ने 12,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. कंपनी का आरक्षित मूल्य 5,616.97 करोड़ रुपये था. बोली इसके दो गुने से भी अधिक की रही.
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि एनआईएनएल का रणनीतिक विनिवेश संबंधी सौदा रणनीतिक खरीदार टीएसएलपी को 93.71 प्रतिशत शेयरों का हस्तांतरण होने के साथ ही आज पूरा हो गया है. एनआईएनएल सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों एमएमटीसी, एनएमडीसी, बीएचईएल और मेकॉन के अलावा ओडिशा सरकार की दो इकाइयों ओएमसी और इपिकॉल का संयुक्त उद्यम है.
इस इस्पात कंपनी में एमएमटीसी के पास सबसे ज्यादा 49.78 फीसदी हिस्सेदारी थी. वहीं एनएमडीसी के पास 10.10 प्रतिशत, बीएचईएल के पास 0.68 प्रतिशत और मेकॉन के पास 0.68 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. ओडिशा सरकार की कंपनियों के पास क्रमशः 20.47 प्रतिशत एवं 12 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. एनआईएनएल के लिए लगाई गई बोली में टाटा ग्रुप की कंपनी के विजेता बनकर उभरने के बाद 10 मार्च को शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.
मंत्रालय ने कहा कि इस समझौते के अनुसार परिचालन लेनदार, कर्मचारियों और विक्रेताओं के बकाया संबंधी शर्तों को पूरा कर लिया गया है. हालांकि, इस कंपनी में सरकार के पास कोई हिस्सेदारी नहीं होने से इस बिक्री से सरकारी खजाने में कोई वृद्धि नहीं होगी. इस बीच, बीएचईएल ने बीएसई को दी गई सूचना में कहा कि उसने एनआईएनएल में अपनी 0.68 प्रतिशत हिस्सेदारी टीएसएलपी को बेच दी है और इसे स्थानांतरित कर दिया है. एनआईएनएल के ओडिशा के कलिंगनर स्थित संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 11 लाख टन रही है. हालांकि, यह संयंत्र लगातार घाटे में रहने की वजह से मार्च, 2020 से ही बंद पड़ा है