हरियाणा की कैबिनेट बैठक में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दे दी गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रीमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। साथ ही साल 2022 को हरियाणा में इलेक्ट्रिक वाहनों का वर्ष घोषित किया गया है। हरियाणा सरकार ईवी पॉलिसी के तहत प्रदूषण पर नियंत्रण करने के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों और खरीदारों के लिए कई वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया है। साथ ही इस पॉलिसी का उद्देश्य औधोगिक विकास और रोजगार के अवसर विकसित करना है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जानकारी देते हुए कहा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के चलते इलेक्ट्रिक वाहन आज समय की मांग है, इनके चलन से प्रदूषण भी कम होगा और पेट्रोलियम पदार्थों के इस्तेमाल में भी कमी आएगी। इसी के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी 2022 को पास किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ईवी पॉलिसी से वाहनों के खरीददारों के साथ-साथ निर्माता और रिसर्च एंड डेवलेपमेंट करने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा। सीएम ने आगे बताया कि 15 लाख से 40 लाख रुपये तक की कीमत की इलेक्ट्रिक कार पर 15 प्रतिशत कीमत पर छूट या 6 लाख रुपये की छूट दी जाएगी। हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कार जिसकी कीमत 15 लाख से 40 लाख रुपये है, उसे खरीदने पर 15 प्रतिशत कीमत की छूट या 3 लाख रुपये की छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिक कार जिसकी कीमत 40 लाख से 70 लाख रुपये है, उसे खरीदने पर 15 प्रतिशत कीमत की छूट या 10 लाख रुपये की छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर व थ्री-व्हीलर खरीदने पर मोर्टर व्हीकल टैक्स में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत छूट दी जाएगी। उन्हें 10 साल के लिए 50 प्रतिशत स्टेट जीएसटी की छूट देंगे। इसके अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट रहेगी। इसके साथ-साथ 20 साल के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जाएगा। सरकारी व प्राइवेट इमारतों में चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। प्राइवेट ग्रुप रेजिडेंशल बिल्डिंग, कमर्शियल बिल्डिंग, मॉल, इंस्टीट्यूट व मेट्रो स्टेशन पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन सभी के साथ-साथ जो एजुकेशन और शोध संस्थान नई इलेक्ट्रिक चार्जिंग तकनीक पर शोध करेंगे उन्हें उनके प्रोजेक्ट की 50 प्रतिशत लागत दी जाएगी। छूट देने के साथ ही सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाने की भी बात रखी है। बैटरी का निर्माण करने वाली कंपनियों के उधोग भी हरियाणा के भीतर स्थापित किए जाएंगे। हरियाणा सरकार राज्य में आने वाले दिनों में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देगी।