Mega Daily News
Breaking News

Auto and tech / भारत में निर्मित लड़ाकू विमान चीन, रूस और दक्षिण कोरिया के विमानों को पछाड़ बना सबसे उम्‍दा युद्धक विमान, जानें खूबियां

भारत में निर्मित लड़ाकू विमान चीन, रूस और दक्षिण कोरिया के विमानों को पछाड़ बना सबसे उम्‍दा युद्धक विमान, जानें खूबियां
Mega Daily News July 31, 2022 11:42 AM IST

भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इसकी बड़ी वजह यह है कि दक्षिण-एशियाई देश मलेशिया की पहली पसंद बना हुआ है। भारत और मलेशिया के बीच इस फाइटर जेट के सौदे को लेकर वार्ता का दौर जारी है। मलेशिया के फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए आयोजित प्रतियोगिता में चीन का JF-17, दक्षिण कोरिया का FA-50 और रूस का Mig-35 और Yak-130 प्लेन शामिल थे। तेजस ने इन सबको पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया है। आज इस कड़ी में हम आपको बताएंगे कि तेजस दुनिया के अन्‍य युद्धक विमानों से क्‍यों श्रेष्‍ठ है। अपनी किन खूबियों के कारण वह मलेशिया की पहली पसंद बना। इस विमान पर विशेषज्ञों की क्‍या राय है।

अन्‍य प्रतियोगी विमानों से उम्‍दा है तेजस

1- इस रक्षा सौदे के तहत भारत मलेशिया को मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहाल का आफर भी दे रहा है। इसके तहत मलेशिया में ही एक फैसिलिटी बनाई जाएगी, जहां भारतीय इंजीनियर तेजस समेत रूसी सुखोई Su-30 फाइटर जेट की भी मरम्मत करेंगे। दरअसल, यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से रूस के अंतरराष्ट्रीय डील पर लगे प्रतिबंध की वजह से मलेशिया अभी रूस से मदद नहीं ले सकता है।

2- रक्षा मामलों के विशेषज्ञ व दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के प्राध्‍यापक डा अभिषेक प्रताप सिंह का कहना है कि तेजस अपने प्रतियोगी विमानों से कई मामलों में उम्‍मदा है। चीन का JF-17 फाइटर जेट तेजस से सस्ता है, लेकिन वह तेजस Mk-IA वैरिएंट की खासियतों के आगे कहीं नहीं टिकता। भारतीय तेजस कोरिया और चीन के फाइटर जेट्स से भी उम्‍दा है। तेजस अत्‍यधिक घातक और अत्याधुनिक है।

3- उन्‍होंने कहा कि तेजस भारतीय वायु सेना की रीढ़ बनने जा रहा है। इन विमानों के मिल जाने से वायु सेना की मौजूदा ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। तेजस विमानों की तैनाती पाक सीमा के नजदीक गुजरात के नलिया और राजस्थान के फलोदी एयरबेस पर की जाएगी। कुल मिलाकर यह सौदा भारतीय सुरक्षा और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए गेमचेंजर साबित होगा, क्योंकि भारतीय सीमाओं को चीन-पाकिस्तान सरीखे दुष्ट पड़ोसी देशों से निरंतर दोहरी चुनौती मिलती रहती है। ऐसे में भारतीय वायुसेना को आधुनिक तकनीक से निर्मित तेजस जैसे विमानों से लैस करना बेहद जरूरी है। इस तरह तेजस विमानों से वायु सेना की रणनीतिक जरूरतों को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा।

भारतीय वायु सेना में कब शामिल हुआ तेजस

हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित तेजस एक एकल इंजन और अत्यधिक सक्षम बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है। यह उच्च-खतरे वाले वायु वातावरण में संचालन में भी सक्षम है। फरवरी, 2021 में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनटिक्स लिमिटेड के साथ 48,000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। भारत ने तेजस के MK-2 संस्करण के साथ-साथ 5वीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान को विकसित करने के लिए पांच अरब अमेरिकी डालर की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है।

तेजस विमान की खूबियां (Features of Tejas Aircraft)

1- तेजस जेट विमान दूर से ही दुश्मन के विमानों पर निशाना साध सकता है। अपनी अत्‍याधुनिक सिस्‍टम के कारण युद्ध के मैदान में यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है। यह विमान उतने ही हथियार और मिसाइल लेकर उड़ सकता है, जितना इससे ज्‍यादा वजन वाला सुखोई विमान। तेजस विमान अपने साथ आठ से नौ टन तक बोझ लेकर उड़ सकता है। तेजस विमान की सबसे बड़ी खूबी इसकी स्‍पीड है।

2- तेजस विमान 52 हजार फीट की ऊंचाई तक ध्वनि की गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक की तेजी से उड़ सकते हैं। हल्‍के होने के कारण तेजस की गति बेजोड़ है। तेजस में नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें क्रिटिकल आपरेशन क्षमता के लिए एक्टिव इलेक्ट्रानिकली-स्कैन्ड रडार यानी इलेक्‍ट्रानिक रूप से स्‍कैन रडार, बियांड विजुअल रेंज मिसाइल, इलेक्‍ट्रानिक वारफेयर सुइट से संपन्‍न है। खास बात यह है कि यह हवा में ईंधन भर सकता है और जंग के लिए दोबारा तैयार हो सकता है।

3- तेजस विमान एक साथ नौ तरह के हथियारों से फायर करने में सक्षम है। इस पर एंटीशिप मिसाइल, बम और राकेट भी लगाए जा सकते हैं। यह लड़ाकू विमान हवा से हवा में, हवा से जमीन पर एवं हवा से पानी में मिसाइल दागने की क्षमता रखता है। यह केवल 460 मीटर के रनवे पर दौड़कर उड़ने की क्षमता रखता है। इस तरह यह नौ सेना के किसी भी विमानवाहक पोत से टेक आफ और उस पर लैंडिंग करने में माहिर है। कम उंचाई पर भी यह विमान उड़ान भरकर शत्रु सेना पर नजदीक से हमला कर सकता है। इसके अलावा यह विमान लेजर गाइडेड मिसाइल से आक्रमण कर सकता है। इसकी खास बात यह है कि जैमर प्रोटेक्शन तकनीक से लैस होने के कारण यह दुश्मन की आंखों में धूल झोंकने में सक्षम है।

RELATED NEWS