शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) में संपादकीय (Editorial) के माध्यम से हाल ही में हुए केंद्र गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के मुंबई (Mumbai) दौरे की आलोचना की है. संपादकीय में कहा कि अमित शाह ‘मिशन मुंबई’ के लिहाज से मुंबई पहुंचे थे ना की गणपति बप्पा के दर्शन के लिए. बीजेपी और शाह पर निशाना साधते हुए लेख कहता है, 'आज भाजपा (BJP) महाराष्ट्र (Maharashtra) से उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और शरद पवार (Sharad Pawar) के नाम को मिटाना चाहती है लेकिन यही अमित शाह और मोदी भूल रहे हैं की कैसे गोधरा कांड के दौरान शरद पवार ने उनकी मदद की थी.'
‘अमित शाह का महाराष्ट्र का कृतज्ञ होना चाहिए’
संपादकीय में कहा गया, 'अमित शाह बार-बार शिवसेना के संदर्भ में जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. यह उनके मन में महाराष्ट्र के प्रति नफरत को दर्शाता है. वास्तव में तो उन्हें महाराष्ट्र और मराठी लोगों के प्रति सदैव कृतज्ञ रहना चाहिए. केंद्र की ‘यूपीए’ सरकार जब मोदी और अमित शाह के पीछे हाथ धोकर पड़ी थी तो उस दौरान मोदी और पवार के बीच बेहत संवाद होने की वजह से अमित शाह को गोधरा कांड के एक मामले में जमानत मिली थी.'
संपादकीय में आगे लिखा- 'यह कोई रहस्योद्घाटन नहीं, बल्कि सच्चाई है. एक और मामले में बालासाहेब ने अमित शाह की मदद के लिए 'सरकार' की तरह काम किया. सिर्फ संजय राउत ही इसके बारे में ज्यादा लिख सकते हैं. शरद पवार और उद्धव ठाकरे इसके बारे में ज्यादा बता सकते हैं.'
‘ठाकरे परिवार को बदनाम करने की मची है होड़’
शिवसेना मुखपत्र में कहा गया, 'वर्तमान में शिवसेना और ठाकरे परिवार को बदनाम करने की होड़ मची है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गणपति दर्शन के लिए मुंबई में आए और उन्होंने शिवसेना के प्रति नफरत का प्रदर्शन किया, जिसे संपूर्ण महाराष्ट्र ने देखा. मुंबई में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के समक्ष उन्होंने बंद कमरे में भाषण दिया, जो कि सार्वजनिक हो गया..'