बिहार में महागठबंधन में क्या सबकुछ ठीक चल रहा है या नहीं? बिहार से लेकर दिल्ली के सियासी हलकों में आजकल यह सवाल लोग पूछने लगे हैं. दरअसल पिछले कुछ दिनों में नीतीश कुमार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि अगर जरुरत पड़ी तो वह फिर से यू-टर्न मारते हुए बीजेपी के साथ जा सकते हैं.
बताया जा है कि महागठबंधन में शामिल सभी सातों दलों के बीच मतभेद उभर रहे हैं. खासतौर से आरजेडी-जेडीयू के बीच यह दूरियां तेजी से बढ़ रही है. आरजेडी के नेता बार-बार कह रहे हैं कि नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी छोड़कर दिल्ली की सियासत करनी चाहिए. हालांकि मौके की नजाकत को समझते हुए पाला बदलने में माहिर नीतीश कुमार आरजेडी को बराबर इशारों इशारों में बता रहे हैं कि वह कभी भी नए साथी ढूंढ सकते हैं.
जानते हैं पिछले कुछ दिनों में ऐसा क्या हुआ जिससे लग रहा है कि नीतीश और बीजेपी ज्यादा दूरिया नहीं हैं.
‘अमित शाह का फोन आया’
हाल ही में नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें कॉल किया था. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के राज्यपाल बदलने वाले हैं और नए राज्यपाल के तौर पर राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर की नियुक्ती होगी, इस बात की जानकारी उन्हें पहले से थी.
‘राजनाथ सिंह ने दी फोन कर बधाई’
इसी तरह नीतीश कुमार ने ये भी बताया था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जन्मदिन पर बधाई देने के लिए उन्हें फोन किया था. पीएम मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार को जन्मदिन की बधाई दी थी.
तमिलनाडु की घटना पर डिप्टी सीएम और सीएम का अलग-अलग रुख
बिहार में मजदूरों पर हुए कथित हमले को लेकर भी तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार का रुख अलग-अलग दिखा. जहां डिप्टी सीएम ने हमले की किसी भी घटना को खारिज कर दिया वहीं सीएम नीतीश ने चार सदस्यीय टीम बनाकर मामले की जांच के लिए तमिलनाडु भेज दिया.
नीतीश का बीजेपी नेता के घर जाना
इस सब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के पिता के श्राद्ध कर्म में शामिल होने के लिए कटिहार गए. सीएम प्रसाद के घर पर करीब घंटे भर तक रहे.