दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से किसी झगड़े से इनकार किया है। सिंधिया को अपने बेटे जैसा बताते हुए दिग्विजय ने कहा है कि उनके पिता माधवराव को कांग्रेस में लाने में उनकी बड़ी भूमिका थी। वे तो ज्योतिरादित्य को मुख्यमंत्री बनाने के भी पक्ष में थे, लेकिन पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद वे डिप्रेशन में चले गए थे। उन्होंने तो कमलनाथ और सिंधिया के बीच समझौता कराने की भी कोशिश की, लेकिन सिंधिया अति महत्वाकांक्षा के शिकार हो गए। वे कुर्सी से दूर नहीं रह सकते। इसलिए कांग्रेस छोड़ बीजेपी में चले गए।
दिग्विजय ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पतन के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदार बताया। दिग्विजय ने कहा कि बीजेपी ने कांग्रेस छोड़ने वाले हर विधायक को 20 से 35 करोड़ रुपये दिए और सिंधिया ने सौदा पटाया।
दिग्विजय ने नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की कार्रवाई को साजिश करार दिया है। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में दिग्विजय ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में पैसों का कोई लेन-देन नहीं हुआ। ईडी इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी से पूछताछ कर चुकी है जबकि उनके खातों से न पैसे निकले, न ही खातों में पैसे जमा हुए। ऐसे में इस मामले में पैसों की चोरी या गबन का आरोप निराधार है। यह केवल गांधी-नेहरू परिवार को बदनाम करने की साजिश है।
सवाल-जवाब के दौरान दिग्विजय ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमले किए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पहले फैसले लेते हैं, फिर उस पर सोचते हैं। इसलिए उनके फैसलों के उल्टे नतीजे सामने आते हैं। दिग्विजय ने नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के मुद्दों पर केंद्र सरकार को जमकर घेरा।