कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा रविवार को समाप्त हो गई. इस दौरान उन्होंने श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने अनुभव साझा किए और विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र पर हमला बोला. राहुल ने कहा कि यात्रा में बहुत कुछ सीखने को मिला. इसका लक्ष्य लोगों को जोड़ना था, नफरत खत्म करना था. लोगों की बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली. ये मेरी जिंदगी का सबसे गहरा और अच्छा अनुभव रहा है. यात्रा यहीं खत्म नहीं हो रही ये पहला कदम है, शुरुआत है.
कांग्रेस सांसद ने कहा, विपक्ष की पार्टियों में जो एकता आती है वो बातचीत से आती है. ये कहना कि विपक्ष बिखरा हुआ है, ठीक नहीं है. विपक्ष में मतभेद जरूर हैं मगर विपक्ष एक साथ लड़ेगी. ये विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ RSS-BJP वाले हैं और दूसरी तरफ गैर RSS-BJP वाले हैं.
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी राहुल गांधी ने केंद्र पर तंज कसा. उन्होंने कहा, घाटी में टारगेट कीलिंग, ब्लास्ट हो रहे हैं. अगर सुरक्षा व्यवस्था इतनी ही अच्छी है तो BJP, लाल चौक से जम्मू तक यात्रा क्यों नहीं करती, गृह मंत्री अमित शाह जम्मू से कश्मीर तक यात्रा क्यों नहीं करते? मुझे नहीं लगता यहां की सुरक्षा व्यवस्था ठीक है. आगे राहुल ने कहा, मैं सेवानिवृत्त जवानों और लद्दाखियों से मिला, उन्होंने कहा कि चीन ने हमारे 2000 वर्ग किमी ज़मीन ले ली है, भारत के कई पेट्रोलिंग पॉइंट्स अब चीन के हाथों में हैं. सरकार का इन बातों को नकारना खतरनाक है, ये चीन के आत्मबल को और बढ़ाएगा.
उन्होंने कहा कि इस यात्रा ने एक वैकल्पिक नजरिया दिया है. बीजेपी और आरएसएस ने नफ़रत का विजन दिया है और हमारा विजन प्यार का विजन है. मैं नफरत के बाज़ार में प्यार की दुकान खोलना चाहता हूं. जब उनसे नई यात्रा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, अभी नई यात्रा का कोई प्लान नहीं है. मगर यात्रा साउथ से नॉर्थ गई. लेकिन इसका इफेक्ट पूरे देश में है. क्योंकि ये एक विजन है. लेकिन सोचेंगे, मेरे पास 2,3 आइडिया हैं. राहुल ने कहा, मेरे मुताबिक देश की पॉलिटिकल क्लास और जनता में थोड़ी दूरी पैदा हो गई है. पूरा का पूरा कम्युनिकेशन मीडिया के जरिए होता है. पहले कम्युनिकेशन बिना भेदभाव के होता था.