महंगाई के विरुद्ध कांग्रेस की हल्ला बोल रैली में आंकड़े देते हुए एक जगह राहुल गांधी की जुबान फिसल गई, लेकिन उन्होंने तुरंत ही सुधार कर लिया। बाद में उनके भाषण का जुबान फिसलने वाला अंश ही इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। राहुल ने 2014 में रसोई गैस सिलेंडर, पेट्रोल-डीजल, सरसों का तेल, आटा से लेकर दूध तक की कीमतों और मौजूदा समय में हुई जबरदस्त वृद्धि के आंकड़ों के सहारे सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी कहते थे कि 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया, तो हम कहेंगे कि कांग्रेस ने इतनी महंगाई हिंदुस्तान को नहीं दिखाई।
रैली में राहुल ने कहा, 'मेरे पास 2014 के आंकड़े हैं जब एलपीजी सिलेंडर की कीमत 410 रुपये हुआ करती थी, आज वह 1,050 रुपये का है। पेट्रोल 70 रुपये प्रति लीटर था, जो आज लगभग 100 रुपये प्रति लीटर है। डीजल 55 रुपये प्रति लीटर था, वह आज 90 रुपये प्रति लीटर है। सरसों का तेल 90 रुपये प्रति लीटर था, वह आज 200 रुपये प्रति लीटर है। दूध 35 रुपये प्रति लीटर था जो आज 60 रुपये प्रति लीटर है।' इसी क्रम में वह बोल गए कि आटा 22 रुपये प्रति लीटर था जो आज 40 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन उन्होंने इसमें तुरंत सुधार किया और बोले, 'ओह, प्रति किलोग्राम।' भाजपा ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल को यह भी नहीं पता कि आटा ठोस है या तरल।
राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में कांग्रेस की महंगाई पर हल्ला बोल रैली में उमड़ी भीड़ के जोश के बीच राहुल ने मोदी सरकार पर आक्रामक हमलों की बौछार करने में कोई कोताही नहीं बरती। गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के बावजूद रैली के उत्साह और कांग्रेस नेताओं की गांधी परिवार के प्रति दिखी पूर्ण लामबंदी ने राहुल की कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,500 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा के सियासी तेवर और कलेवर की दिशा भी तय कर दी।
विदेश प्रवास से लौटने के बाद रैली में सरकार पर हल्ला बोलते हुए राहुल ने कहा कि देश में नफरत और डर बढ़ता जा रहा है। भाजपा और आरएसएस के नेता देश को बांटते हैं और जानबूझकर भय पैदा करते हैं। उन्होंने सवाल किया कि महंगाई एवं बेरोजगारी और नफरत व भय से कौन सा देश मजबूत होगा। इसका फायदा देश के दुश्मनों विशेषकर चीन व पाकिस्तान को होगा और प्रधानमंत्री मोदी ने देश को कमजोर करने का काम किया है।
मोदी सरकार के उद्योगपतियों अदाणी और अंबानी से कथित जुड़ाव को लेकर हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मौजूदा माहौल का पूरा फायदा दोनों उद्योगपति उठा रहे हैं। एयरपोर्ट, पोर्ट, सड़कों से लेकर सेलफोन और तेल सब कुछ इन्हीं दो व्यक्तियों के हाथों में जा रहा है। नोटबंदी के जरिये आम लोगों का पैसा निकालकर उद्योपतियों के लाखों करोड़ रुपये माफ किए गए और दूसरी तरफ एमएसएमई और छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर दिया गया। महंगाई के साथ 40 साल में इतनी ज्यादा बेरोजगारी की बड़ी वजह यह भी है। जनता इस दोहरी चोट की मार सह रही है।