एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे सहित शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्यों ने ओम बिरला से मुलाकात की. उनसे लोकसभा में पार्टी के नेता को बदलने का आग्रह किया.
शिवसेना में सियासी कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है. उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच आई दूरियां अब और बढ़ती जा रही हैं. एके के बाद एक कई नेता उद्धव का साथ छोड़ एकनाथ के खेमे शामिल होते जा रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति का एक और बड़ा नाम, शिवसेना विधायक रामदास कदम ने भी एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल होने का मन बना लिया है. उन्होंने अपने इस कदम की तारीफ करते हुए एकनाथ शिंदे की जमकर तारीफ की है.
शिवसेना विधायक रामदास कदम ने कहा कि अगर एकनाथ शिंदे ने यह कदम नहीं उठाया होता तो शिवसेना के पास अगले चुनाव में 10 विधायक भी नहीं होते. मैं एकनाथ के साथ गए विधायकों को धन्यवाद दूंगा. मैंने पार्टी में 52 साल काम किया और फिर मुझे निकाल दिया गया. मैं आज एकनाथ शिंदे से जुड़ रहा हूं.
उन्होंने कहा कि हममें से किसी को भी यह मंजूर नहीं था कि शिवसेना प्रमुख का बेटा राकांपा और कांग्रेस के मंत्रियों के साथ बैठे. यह शरद पवार (राकांपा प्रमुख) थे जिन्होंने पार्टी (शिवसेना) को तोड़ा. वह (शरद पवार) बालासाहेब के वक्त से ही शिवसेना को खत्म करने में लगे थे लेकिन तब उन्हें एक भी मौका नहीं मिला. अब उन्होंने उद्धव को सीएम बनाया. उद्धव कोविड के दौरान बाहर नहीं गए और फिर 6 महीने तक बीमार रहे. उन्होंने (शरद पवार) इसका इस्तेमाल किया.
इस बीच महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे सहित शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्यों ने मंगलवार को स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की और उनसे लोकसभा में पार्टी के नेता को बदलने का आग्रह किया. इससे पहले शिवसेना सांसद विनायक राउत भी ओम बिरला से मिल चुके हैं. राउत ने स्पीकर को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वे विरोधी गुट के किसी भी प्रतिनिधित्व पर विचार न करें. शिंदे गुट सांसद हेमंत गोडसे ने कहा कि शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्यों ने अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और विनायक राउत के स्थान पर राहुल शेवाले को पार्टी के नेता के रूप में नियुक्त करने का अनुरोध किया.