2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कई प्रकार के राजनीतिक समीकरण बनने लगे हैं. इस चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में भी सियासी उठापटक जारी है. कभी अखिलेश यादव के दोस्त रहे ओम प्रकाश राजभर अब नया ठिकाना खोज रहे हैं. हालांकि, पूरी संभावना है कि वो चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी का चोला पहन लेंगे. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने से लेकर अखिलेश यादव को घेरने तक के सवाल पर खुलकर बातचीत की. इस दौरान ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव नॉन पॉलिटिकल यानी अपरिपक्व नेता हैं. विरासत में बाप और चाचा की मेहनत की कमाई पर मुख्यमंत्री बन गए. साथ ही उन्होंने जातिगत राजनीति को खत्म करने के लिए कहा कि इसके लिए तहसीलों में जातिगत प्रमाणपत्र बनाना बंद करें. ये जब तक बनता रहेगा तब तक जाति की राजनीति रहेगी. राजभर ने कहा कि जब जातियां अशिक्षित थीं तब लोग इनका फायदा उठा पाते थे. लेकिन जैसे-जैसे में वो पढ़ने-लिखने लगे, उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी होने लगी. उन्होंने कहा, 'हजारों यादव बीजेपी का झंडा टांगकर घूम रहे हैं. फिर कहां जातिवाद है? हजारों-हजार जातियों के नेता भारतीय जनता पार्टी का झंडा टांगकर घूम रहे हैं.'
बीजेपी से हाथ मिलाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि राजनीति में संभावनाएं बरकरार रहती हैं. जब महबूबा मुफ्ती और बीजेपी का कश्मीर में गठबंधन हो सकता है. बीजेपी के समर्थन पर मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बन सकते हैं. नीतीश कुमार ने कहा था कि हम राजनीति से संन्यास ले लेंगे लेकिन लालू यादव के साथ नहीं जाएंगे, लेकिन आज देखो वो दोनों साथ हैं. बीजेपी से हाथ मिलाने के मामले में कौन अछूत है.
उन्होंने कहा कि कौन जानता है कि कल मेरा गठबंधन अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, कांग्रेस और तमाम पार्टियों के साथ हो जाए. अखिलेश यादव को राजभर जैसा वफादार और मेहनती दोस्त नहीं मिलने वाला है, जो उनको वोट दिला सके. हम साथ आए तो अखिलेश अपने गढ़ में हार गए लेकन पूर्वांचल में एक भी सीट बीजेपी के खाते में नहीं जाने दी.