गुजरात में चुनाव हो रहे हैं हालांकि कांग्रेस पहली बार पार्टी के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अहमद पटेल बिना मैदान में उतरी है. गुजरात चुनाव में अहमद पटेल फैक्टर का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2017 के चुनाव में बीजेपी 100 से भी कम सीटों पर सिमट कर रह गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का देहांत 25 नवंबर 2020 को हुआ था.
आज अहमद पटेल जी के जाने के बाद उनकी अहमियत समझ में आ रही है. आज अहमद पटेल जी होते तो गाड़ियां भी खड़ी करने की जगह नहीं होती और वो कांग्रेस के सबसे बड़े स्टार प्रचारक होते. जब अहमद पटेल चुनाव रणनीति बनाते थे तो हम बाहर से ही उन्हें देखते थे.’
‘आम वर्कर को ग्राउंड पर बहुत दिक्कत आ रही है’
मुमताज ने कहा, ‘2017 में अहमद पटेल ने राजसभा की सीट जिस तरह से जीती थी, वो शानदार कामयाबी थी. इसके बाद ही चुनावों में कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. इस बार के चुनावों के माहौल में बहुत अंतर है, आम वर्कर को ग्राउंड पर बहुत दिक्कत आ रही है. कांग्रेस शायद एक बेहतर रणनीति बना सकती थी, आज अहमद पटेल जी के होने से फर्क ज़रूर पड़ता.’
मुमताज ने कहा, ‘तैयारियां तो की गई हैं लेकिन कहीं ना कहीं फ़ैसला लेने में देरी हुई है. अगर उम्मीदवारों को पहले से वक्त दिया जाता तो उनके लिए चुनावों में तैयारी करने में आसानी होती. पार्टी आलाकमान की तरफ से टिकट फाइनल करने में ही देरी कर दी गई. ये हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है.’ उन्होंने कहा, ‘आप पार्टी, AIMIM के होने से भी कुछ सीटों पर चिंता बढ़ रही है. हालांकि कांग्रेस फिर भी इनके मुकाबले मजबूत है.
‘केजरीवाल परसेप्शन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं’
मुमताज ने, ‘अरविंद केजरीवाल परसेप्शन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. दिल्ली चलाना एक अलग बात है, पंजाब में तो दिख ही रहा है कि क्या हालत हो गए हैं. गुजरात की वजह से कभी लक्ष्मी, गणेश की फोटो छापने की बात करते है, कभी फ्री रेवड़ियों की बात करते हैं, वो थोड़े कंफ्यूज हैं.’ उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस का ग्राउंड पर काम चालू है, लोकल मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहिए. बड़े लीडर्स भीड़ तो इकट्ठा कर लेंगे, लेकिन चुनाव लोकल कार्यकर्ता ही लड़ता है. कांग्रेस में अभी तक किसी बड़े नेता का प्रचार ना करना चिंता कीबात तो है लेकिन कार्यकर्ता पूरी कोशिश कर रहा है.’
गुजरात में बिलकिस बानो के अपराधियों को छोड़े जाने के मामले पर उन्होंने कहा, ‘हमने तो आवाज उठाई है लेकिन आप पार्टी कहीं नज़र नही आई है.’ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा किसी अलग वजह से शुरू की थी, उसका चुनावों से लेना देना नही है. कांग्रेस में ओर भी बड़े चेहरे हैं जो पार्टी के लिए काम कर सकते हैं.’
क्या ओवैसी की वजह से मुस्लिम वोट बंट रहे है?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘अगर आज अहमद पटेल जी होते तो वो सबको जोड़कर चलते थे, आज बिल्कुल अलग माहौल होता. टिकट फाइनल होने में इतना वक्त नहीं लगता, रूठे लोगों को जल्दी से मना लिया जाता. इसकी वजह से कांग्रेस को बहुत दिक्कत आई है. आखिरी वक्त में टिकट फाइनल करने से उम्मीदवार के लिए बहुत परेशानी होती है, ये सिस्टम बदलने की ज़रूरत है. पार्टी में पावर स्ट्रगल ख़त्म होना चाहिए. नए युवा चेहरों को सामने लाना चाहिए, तब कांग्रेस की तस्वीर बदलनी सम्भव हो पाएगी. सेवादल को दोबारा से रिवाइव करने की ज़रूरत है.’
मुमताज ने कहा, ‘कांग्रेस में नेताओं को गैर जिम्मेदाराना बयान से बचना चाहिए, इससे नुकसान होता है. गलतियां हो जाती हैं. कांग्रेस का टोटल रिवाइवल होना बेहद ज़रूरी है. जो नेता जनता को भरोसा दिला सके, ऐसे लोगों को आगे लाना ज़रूरी है. राहुल गांधी जैसे बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार के थोड़ा जल्दी उतरना चाहिए था.’