कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल (Jaiveer Shergill) ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने त्याग पत्र में शेरगिल ने कई सवाल भी उठाए हैं। उन्होंने इस्तीफे में लिखा कि मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हितों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है, जो चाटुकारिता में लिप्त हैं और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रहे हैं।
शेरगिल ने इस्तीफे में लिखा कि प्राथमिक कारण यह है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वर्तमान निर्णय निर्माताओं की विचारधारा और दूरदृष्टि अब युवाओं और आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है। मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हित के लिए नहीं है। मैं नैतिक रूप से इसे स्वीकार नहीं कर सकता।
बता दें कि 39 वर्षीय जयवीर शेरगिल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पेशे से वकील हैं और कांग्रेस के प्रवक्ता के तौर पर पार्टी का पक्ष टीवी चैनलों पर होने वाली बहस में रखते रहे हैं। वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सबसे कम उम्र के प्रवक्ताओं में से एक हैं और पंजाब के लिए कांग्रेस लीगल सेल के सह-अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी रहे हैं। उन्होंने दो साल 2008-09 की अवधि के लिए इंटरनेशनल बार एसोसिएशन के लिए यंग इंडिया प्रतिनिधि के रूप में भी काम किया है।
जयवीर शेरगिल का जन्म पंजाब के जालंधर के रहने वाले हैं। उनके पिता मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ वकील राजेश्वर सिंह शेरगिल हैं। जयवीर ने सेंट जोसेफ बॉयज स्कूल और एपीजे स्कूल, जालंधर से पढ़ाई की है। उन्होंने पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज से 2006 में कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की है। जयवीर शेरगिल छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
जयवीर शेरगिल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब कई नेताओं ने कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया है। बीते दिनों में पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद शामिल हैं। सिंधिया इस समय मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। जबकि जितिन प्रसाद, यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।