क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में आए भूचाल से टेरा लूना (Terra-Luna) पूरी तरह से तहस-नहस हो गई है. इसके निवेशक पूरी तरह से बर्बाद हो गए. उनका पूरा निवेश एक ही हफ्ते में डूब गया. इस वजह से भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों ने अपने प्लेटफॉर्म से टेरा लूना को डिलिस्ट कर दिया है.
पिछले दो दिन में क्रिप्टो मार्केट में आई भारी गिरावट की वजह से कई डिजिटल करेंसी बुरी तरह प्रभावित हुई है. टेरा लूना पर इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर हुआ. इसकी वैल्यू इतनी तेजी से गिरी कि दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज Binance ने इसे अपने प्लेटफॉर्म से बाहर का रास्ता दिखा दिया. इसके बाद भारतीय एक्सचेंजों ने भी इसे डिलिस्ट करने की घोषणा कर दी.
एक समय टेरा लूना की कीमत 118 डॉलर के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गई थी. अब इसकी कीमत मात्र कुछ सेंट रह गई है. निवेशकों का पूरा निवेश डूब चुका है. इस टोकन ने निवेशकों के 40 अरब डॉलर डुबा दिए हैं. 24 घंटे के भीतर ही इस क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू 99 फीसदी गिर गई. CoinMarketCap के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक महीने में क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट वैल्यू 800 अरब डॉलर घट चुकी है. पिछले कई दिनों से लगभग सभी क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट जारी है.
भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स ने कहा है कि उसने लूना/यूएसडीटी, लूना/आईएनआर और लूना/डब्ल्यूआरएक्स को अपने प्लेटफॉर्म से डिलिस्ट कर दिया है. निवेशक मुफ्त में अपने लूना फंड्स को निकाल सकते हैं. यूएसडीटी स्टेबलकॉइन है और डब्ल्यूआरएक्स वजीरेक्स यूटिलिटी टोकन है. वजीरेक्स के अलावा दूसरे क्रिप्टो एक्सचेंज जेबपे, कॉइनडीसीएक्स ने भी अपने एक्टिव टोकन लिस्ट से इसे हटा दिया है.
हालांकि, एक अन्य प्लेटफॉर्म जियोटस (Giotuss) पर इसकी मौजूदगी बनी रहेगी. जियोटस के सीईओ विक्रम सुब्बुराज ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि अगर टेरा ब्लॉकचेन फिर से स्टार्ट करती है तो चीजें बदल सकती हैं. लूना अपने लिए नया रास्ता ढूंढ सकती है और इकोसिस्टम में दोबारा अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकती है. हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए इस बात की संभावना बहुत कम रह गई है.