भारतीय बाजार से विदेशी पूंजी के लगातार बाहर निकलने और डॉलर की मजबूती के कारण रुपया बुधवार को 61 पैसे टूटकर 83 रुपये के स्तर पर पहुंच गया. आपको बता दें कि रुपये में हुई ये सबसे बड़ी गिरावट है. डॉलर के मुकाबले रुपया आज 83.01 के स्तर पर बंद हुआ है. इससे पहले मंगलवार को भी रुपये में गिरावट आई थी और 10 पैसे की गिरावट के साथ ये 82.40 के स्तर पर बंद हुआ था. वहीं, डॉलर और मजूबत होकर 112.48 के स्तर पर पहुंच गया है.
आम जनता पर पड़ता है असर
गौरतलब है कि हाल ही देश की वित्त मंत्री ने रुपये में आ रही गिरावट को लेकर कहा था कि वे इसे डॉलर की मजबूती के रूप में देखती हैं. इस साल में अब तक भारतीय रुपया 9 फीसदी से अधिक गिर चुका है. दरअसल, रुपये के कमजोर होने से भारत विदेशी मुद्रा भंडार पर असर होता है. ऐसे में, आरबीआई को जब लगता है कि रुपया नीचे जा रहा है तो वह डॉलर बेचना शुरू कर देता है जिसमें हमारा फॉरेक्स रिजर्व घटता है. दरअसल, इतना अधिकांश आयात डॉलर में ही किया जाता है और रुपये के कमजोर होने से एक्सचेंज रेट पर फर्क पड़ता है. यही वजह है कि इसका सीधा असर आम जनता पर होता है.
भारतीय बाजार में तेजी
रुपये में हो रही लगातार गिरावट के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में लगातार कई सत्रों से तेजी बनी हुई है. आज के बाजार की बात करें तो सेंसेक्स 146 अंक चढ़कर 59107 के स्तर पर और निफ्टी 25 अंक की तेजी के साथ 17512 के स्तर पर बंद हुआ. यह लगातार चौथा सत्र है जब शेयर मार्केट बढ़त के साथ बंद हुआ. एक्सपर्ट्स की मानें तो बेहतर कॉर्पोरेट आंकड़ों के चलते आई मजबूती का लाभ घरेलू मार्केट को भी मिल रहा है.