हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से ही अडानी ग्रुप को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच शेयर बाजार नियामक सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह नियमों के किसी भी उल्लंघन की पहचान के लिए अडानी ग्रुप समूह के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के साथ-साथ रिपोर्ट जारी होने के तुरंत पहले और बाद की बाजार गतिविधियों की जांच कर रहा है.
अडानी ग्रुप
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कोर्ट से यह भी कहा कि उसके पास अनवरत कारोबार सुनिश्चित करने और शेयर बाजार में अस्थिरता से निपटने के लिए मजबूत ढांचा है. सेबी ने दावा किया कि विकसित प्रतिभूति बाजार दुनिया भर में शॉर्ट सेलिंग को ‘वैध निवेश गतिविधि’ के रूप में मानते हैं.
सेबी
सेबी ने अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट के बाद दर्ज दो जनहित याचिकाओं (PIL) पर सोमवार को सुनवाई कर रही प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि वह सेबी नियमों, शॉर्ट सेलिंग के नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए “हिंडनबर्ग के आरोपों और रिपोर्ट जारी होने से ठीक पहले और ठीक बाद की बाजार की गतिविधि, दोनों की जांच कर रहा है.”
हिंडनबर्ग रिपोर्ट
सेबी ने कहा कि हाल ही में अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट से शेयर बाजार पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है. सेबी ने कहा, “भारतीय बाजार इससे पहले और भी बुरी अस्थिरता देख चुका है, विशेषकर कोरोना महामारी के समय, जब दो मार्च 2020 से 19 मार्च 2020 (13 कारोबारी दिन) के बीच निफ्टी लगभग 26 फीसदी गिर गया था. बाजार अस्थिरता को देखते हुए सेबी ने 20 मार्च, 2020 को अपने मौजूदा बाजार तंत्र की समीक्षा की थी और कुछ बदलाव किए थे.”