आजकल सरकार ने बैंकों में खाता खोलने की प्रक्रिया काफी सरल कर दी है. आप चाहे तो बैंक में जाकर अकाउंट खुलवा सकते हैं या घर बैठे ऑनलाइन भी इस काम को अंजाम दे सकते हैं. प्रक्रिया में आसानी की वजह से आजकल कई लोगों के एक से ज्यादा खाते हो गए हैं. बहुत सारे लोग इस उधेड़बुन में रहते हैं कि एक से ज्यादा बैंकों में खाता खोलने से फायदा होता है या नुकसान. आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे. सबसे पहले हम आपको एक से ज्यादा बैंक खातों (Multiple Bank Accounts Benefits) के फायदों के बारे में बताएंगे.
अगर आप होम लोन, पीएफ, म्युचुअल फंड या फिक्स डिपॉजिट जैसे अलग-अलग कामों के लिए अलग खाता (Multiple Bank Accounts) खोलना चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं. ऐसा करने से आप उन खातों को आसानी से मेनटेन कर सकेंगे और उन कार्यों को पूरा करने में कोई दिक्कत भी नहीं आएगी.
अपने कस्टमर बढ़ाने के लिए सभी बैंक ब्याज दरों, डेबिट कार्ड, बीमा, बैंक लॉकर, लोन समेत विभिन्न चीजों पर आकर्षक ऑफर जारी करते रहते हैं. आप अलग-अलग बैंकों में खाता खोलकर इन सुविधाआओं का लाभ उठा सकते हैं. एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट (Multiple Bank Accounts) होने से ट्रेन-फ्लाइट समेत विभिन्न जगहों के टिकट बुक कराने में भी आसानी होती है.
रिजर्व बैंक की गाइडलाइन की मुताबिक बैंकों में जमा धनराशि पर केवल 5 लाख रुपये तक का ही बीमा मिलती है. यानी अगर बैंक किसी वजह से कंगाल हो जाए तो आपको अधिकतम केवल 5 लाख रुपये तक ही वापस मिल पाएंगे. फिर भले ही आपके खाते में इससे ज्यादा पैसे क्यों न पड़े हों. ऐसे में अपने धन को बीमा से सिक्योर कराना चाहते हैं तो एक से ज्यादा बैंकों में खाता (Multiple Bank Accounts) खोलना सुरक्षित विकल्प होता है.
एक से ज्यादा बैंकों में खाते (Multiple Bank Accounts) होने का बड़ा फायदा यह भी होता है कि आपको विभिन्न बैंकों के डेबिट कार्ड मिल जाते हैं, जिससे आप जब चाहे अपने नजदीकी एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं और इसमें आपको ट्रांजेक्शन चार्ज भी नहीं चुकाना पड़ता.
एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने के केवल फायदे ही नहीं है. इसके कई नुकसान भी हैं, जिनके बारे में आपको जानना चाहिए. दोनों बातों को सही ढंग से सोच-समझने के बाद ही अपनी जरूरत के अनुसार उचित फैसला करना चाहिए.
एक से ज्यादा बैंक खाते (Multiple Bank Accounts) होने का सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि हम उन्हें उचित तरीके से मेनटेन नहीं कर पाते और उनमें से कई निष्क्रिय पड़े रह जाते हैं. ऐसे में खाताधारक के पैन कार्ड और आधार की जानकारी चुराकर धोखाधड़ी किए जाने की आशंका और बढ़ जाती है.
अगर कोई व्यक्ति एक से ज्यादा बैंकों में अपने अकाउंट (Multiple Bank Accounts) रखता है तो उसे आईटी रिटर्न भरते समय उन सब खातों और उनमें दर्ज रकम की जानकारी देनी होती है. यह काम बहुत बोझिल और मुश्किलों भरा होता है. हरेक बैंक खाते की अपडेट याद रखना काफी दिक्कत वाला काम होता है. ऐसे में आईटी रिटर्न में भूल-चूक की आशंका बन जाती है, जिसका बाद में खामियाजा भुगतना पड़ जाता है.
किसी भी बैंक में खाता खोलने पर मिनिमम बैलेंस बनाए रखना होता है. साथ ही एसएमएस चार्ज, एटीएम चार्ज, चेक बुक फीस समेत कई सालाना चार्ज भी चुकाने होते हैं. ऐसे में अगर आप एक से ज्यादा बैंकों में खाते खुलवाते हैं तो आपका हर साल का खर्चा बढ़ जाता है, जिसका असर आपके बजट पर पड़ता है.
एक से ज्यादा बैंकों में खाते (Multiple Bank Accounts) खुलवाने पर वहां के अकाउंट नंबर और डेबिट कार्ड पासवर्ड को याद रखने का बड़ा झंझट खड़ा हो जाता है. अक्सर कई लोग अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड भूल जाते हैं, जिसके चलते उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है और वे ट्रांजेक्शन भी नहीं कर पाते.