एम्प्लॉइज डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (Employees Deposit Linked Insurance) ईपीएफओ की तरफ से चलाई जाने वाली एक बीमा योजना है, जो ईपीएफओ में रजिस्टर्ड हर कर्मचारी के लिए चलाई जाती है. इस योजना के तहत 7 लाख तक का बीमा कवर दिया जाता है. ये स्कीम EPF और EPS के कॉम्बिनेशन के साथ काम करती है. इसके बारे में हर किसी को पता होना जरूरी है, क्योंकि नौकरी के दौरान अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाए तो उसके नॉमिनी को इस स्कीम के तहत 7 लाख तक की आर्थिक मदद मिल सकती है. आइए जानते हैं एम्प्लॉइज डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस के बारे में.
हर महीने EDLI योजना में होता है कंट्रीब्यूशन
EPFO की तरफ से 1976 में शुरू की गई EDLI योजना का उद्देश्य था कि किसी कारणवश अगर ईपीएफओ मेंबर की मृत्यु हो जाए तो उसके परिवार को आर्थिक मदद दी जा सके. EDLI के तहत मिलने वाली बीमा राशि पिछले 12 महीनों की सैलरी पर निर्भर करती है. हर महीने कर्मचारी की सैलरी से पीएफ का जो अमाउंट जमा होता है, उसका 8.33 % हिस्सा EPS में, 3.67% EPF में और 0.5% EDLI योजना में जाता है. आमतौर पर लोगों को पीएफ के पैसे और पेंशन स्कीम के बारे में तो पता होता है, लेकिन EDLI योजना की जानकारी नहीं होती.
EDLI से जुड़ी जरूरी बातें
नौकरी करने के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर कर्मचारी भविष्य निधि मेंबर के नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी या पारिवारिक सदस्य को मैक्सिमम 7 लाख रुपये का इंश्योरेंस बेनिफिट मिलता है.
अगर ईपीएफओ मेंबर लगातार 12 महीनों से नौकरी करता आ रहा है तो कर्मचारी की मृत्यु के बाद नॉमिनी को कम से कम 2.5 लाख तक का लाभ मिलेगा.
EPFO सदस्य केवल EDLI योजना द्वारा तब तक ही कवर किया जाता है, जब तक वो नौकरी करता है. नौकरी छोड़ने के बाद उसके परिवार / उत्तराधिकारी / नॉमिनी इसका क्लेम नहीं कर सकते.
EDLI में 0.5% का योगदान कंपनी की तरफ से किया जाता है, इसे कर्मचारी की सैलरी से नहीं काटा जाता. एम्प्लॉइज डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस में कर्मचारियों का नॉमिनेशन स्वाभाविक तौर पर हो जाता है.
नॉमिनी को कोई परेशानी न हो, इसको ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस की प्रदान की गई राशि को उसके अकाउंट में सीधे ट्रांसफर कर दिया जाता है.