पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) केंद्र सरकार के जरिए दी जाने वाली एक बचत योजना है. इसकी शुरुआत असंगठित क्षेत्रों के स्व-नियोजित व्यक्तियों और श्रमिकों को वृद्धावस्था आय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी. पीपीएफ कम जोखिम और बेहतर ब्याज दर के साथ भारत में सबसे अच्छे बचत साधनों में से एक है. अनौपचारिक क्षेत्र या असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के साथ-साथ बेरोजगार, स्वरोजगार करने वाले लोग पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं.
इतना कर सकते हैं निवेश
इसी तरह, करदाता पीपीएफ में निवेश करके सालाना 1,50,000 रुपये तक की कर कटौती का दावा कर सकते हैं. एक साल में कम से कम 500 रुपये का निवेश इसमें करना होता है. वहीं 1,50,000 रुपये से ज्यादा का निवेश इसमें नहीं हो सकता. पीपीएफ खातों द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न निश्चित होते हैं और सॉवरेन गारंटी द्वारा समर्थित होते हैं. वर्तमान में ब्याज दर 7.1 प्रतिशत है.
ऐसे करें रिकवर
हालांकि, सबसे आम समस्याओं में से एक जिसका सामना पीपीएफ खाताधारक अक्सर करते हैं, वह है खातों का एक्सपायर होना. ऐसी कई स्थितियां हैं जहां ग्राहकों को पता चला है कि उनका पीपीएफ खाता एक्सपायर हो गया है. हालांकि इसे एक आवेदन पत्र के माध्यम से आसानी से फिर से चालू करवाया जा सकता है.
इस परिस्थितियों में खाता हो सकता है एक्सपायर
यदि कोई पीपीएफ खाताधारक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम राशि का योगदान करने में विफल रहता है, जो कि 1 अप्रैल से 31 मार्च तक है, तो खाते को बंद कर दिया जाता है. इसके साथ ही खाताधारक निकासी सुविधा का विकल्प खो देता है. साथ ही ऐसी परिस्थितियों में खाताधारक अपने पीपीएफ के पैसे पर लोन नहीं ले सकता है.