कार मोडिफिकेशन भी एक नशे की तरह है. बहुत से लोग जरूरत के कारण कार में मोडिफिकेशन कराते हैं तो कुछ सिर्फ शौकिया तौर पर. गाड़ियों में टायर मोडिफाई कराना भी अब आम हो चला है. कई लोग गाड़ी में कंपनी से मिलने वाले टायर को निकलवा देते हैं तो दूसरे टायर लगवा देते हैं. इसके अलावा, एक समय सीमा के बाद हमें खुद भी गाड़ी के टायर बदलवाने पड़ जाते हैं. कई डीलर्स हैं जो पुराने टायर्स को खरीद लेते हैं और फिर उन्हें नया बताकर बेच देते हैं.
इस तरह की ठगी का शिकार कोई भी हो सकता है. इसलिए आज हम आपको ऐसी एक ट्रिक के बारे में बता रहे हैं, जिसके जरिए आप पता लगा सकते हैं कि आप जो टायर खरीद रहे हैं, वह एकदम नया है या थोड़ा सा भी इस्तेमाल हुआ है. दरअसल, इस ठगी से ग्राहकों को बचाने के लिए टायर कंपनियां खुद ही अलर्ट हो गई हैं.
इन दिनों कंपनियां टायर्स के ऊपर अपनी ब्रांडिंग देने लगी हैं. यानी टायर के साइड में तो कंपनी का नाम लिखा ही होगा, साथ ही टायर के उस हिस्से पर भी नाम लिखा होता है, जो सड़क पर चलते हुए जमीन पर टच होता है. ऐसे में अगर टायर थोड़ा बहुत भी चला होगा, तो यहां से ब्रांडिंग घिस जाएगी. इस ब्रैंडिंग को देखकर ही आप तुरंत पता लगा सकते हैं कि टायर चला हुआ है या एकदम नया है. तो जब भी आप कोई टायर खरीदने जाएं, तो चेक करें कि टायर की सरफेस पर जो कंपनी की ब्रांडिंग सही है या फिर धुंधली है.