बैंक के नियमों के अनुसार, सेविंग अकाउंट (Saving Account) में पैसे जमा करने के लिए कोई सीमा नहीं है। वहीं बैंक पैसा जमा कराने पर कोई शुल्क नहीं चार्ज करता है। हालांकि जीरो बैलेंस खाते के आलावा सभी सेविंग बैंक अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है। अगर अकाउंट में तय सीमा से कम पैसे रखते हैं तो बैंक की तरफ से चार्ज लिया जाता है।
ब्याज मिलने पर चुकाना होता है टैक्स
बैंक की तरफ से सेविंग अकाउंट पर ब्याज दिया जाता है। सेविंग अकाउंट पर जो ब्याज मिलता है उसपर अकाउंट होल्डर को टैक्स देना पड़ता है। बैंक की तरफ से 10 फीसदी टीडीएस ब्याज पर काटा जाता है। निवेश सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि ब्याज पर टैक्स चुकाना होता है, लेकिन क्स कटौती का लाभ ले सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80 TTA के मुताबिक, सभी व्यक्ति 10 हजार तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। अगर ब्याज 10 हजार रुपये से कम बनता है तो टैक्स नहीं देना होगा।
वहीं सीनियर सिटीजन यानी 60 साल से ज्यादा उम्र के अकाउंट होल्डर को 50 हजार रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं चुकाना होता है। अगर आपकी कुल सालाना आमदनी में उस ब्याज को मिलाने के बाद भी, आपकी सालाना आमदनी इतनी नहीं होती कि उस पर टैक्स देनदारी बन सके तो आप ऐसे में फॉर्म 15 G जमा करके बैंक की तरफ से टीडीएस का रिफंड ले सकते हैं।
कितने अकाउंट होने चाहिए?
सेविंग अकाउंट खोलने की भी कोई सीमा निर्धारित नहीं है। यानी इस हिसाब से एक व्यक्ति जितने चाहे उतने खाते खोल सकते हैं। वहीं वित्तीय सलाहकारों की सलाह है कि एक व्यक्ति के पास तीन से ज्यादा बैंक खाते नहीं होने चाहिए।
इस बारे में वेल्थ क्रिएटर्स फाइनेंशियल एडवाइजर्स के को-फाउंडर विनित अय्यर का कहना है कि सभी परमानेंट इनकम के लिए एक बैंक खाता होना चाहिए। वहीं रोजमर्रा के खर्चे के लिए पति-पत्नी को एक संयुक्त खाता खुलवा लेना चाहिए। तीसरा खाता व्यक्तिगत खर्चों के लिए भी खोला जा सकता है। अय्यर का कहना है कि 3 से ज्यादा बैंक अकाउंट खोलने में कोई समझदारी नहीं है।