वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) के तरफ से इस बार बुजुर्गों और विधावओं को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. इस बार के बजट (BUdget 2023) में सरकार इन लोगों की पेंशन बढ़ाने का फैसला ले सकती है. 1 फरवरी 2023 को बजट पेश किया जाएगा. आइए आपको बताते हैं कि इस बार बजट में पेंशनर्स की पेंशन (Pension Hike) में कितना इजाफा हो सकता है.
वित्तमंत्री को लिखा लेटर
देश के जानेमाने अर्थशास्त्रियों ने बजट से पहले वित्तमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें सोशल सिक्योरिटी के हत पेंशन बढ़ाने की मांग की गई है. इसके साथ ही मैटरनिटी बैनेफिट्स के लिए भी पर्याप्त प्रावधान करने की मांग की है.
बुजुर्गों की पेंशन में हो इजाफा
बुजुर्गों की पेंशन की बात की जाए तो नेशनल ओल्ड एज पेंशन स्कीम के तहत केंद्र सरकार साल 2006 से अबतक सिर्फ 200 रुपये प्रति माह की दर से पेंशन दे रही है. इकोनॉमिस्ट का कहना है कि यह बिल्कुल भी सही नहीं है. केंद्र सरकार को इस योगदान को बढ़ाकर कम से कम 500 रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए.
विधवाओं की पेंशन बढ़कर हो 500 रुपये
विधवाओं की पेंशन की बात की जाए तो इसको 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह किए जाने की मांग की गई है. इस लेटर के मुताबिक, पेंशन पर खर्च करीब 1560 करोड़ रुपये होगा. वहीं, इकोनॉमिस्ट ने वित्तवर्ष 2023024 के बजट में मैटरनिटी को लेकर भी मांग की है कि मातृत्व अधिकारों को पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए और इस पर होने वाले खर्च की बात की जाए तो वह करीब 8000 करोड़ रुपये होगा.
कौन-कौन से इकोनॉमिस्ट हैं शामिल?
आपको बता दें इन इकोनॉमिस्ट की लिस्ट में दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के मानद प्रोफेसर ज्यां द्रेज, कैलिफोर्निया बार्कले यूनिवर्सिटी के मानद प्रोफेसर प्रणब बर्धन, मुंबई स्थित इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर आर नागराज, आईआईटी दिल्ली में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रीतिका खेरा, जेएनयू के मानद प्रोफेसर सुखदेव थोराट समेत अन्य शामिल हैं.