म्यूचुअल फंड स्कीम में लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करने पर कम्पाउंडिंग का जबरदस्त फायदा होता है. खासकर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की बात करें, तो इनमें बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों को अच्छा खासा रिटर्न मिला है. अगर आपके पोर्टफोलियो में बेहतर फंड्स हैं, तो उनमें आपको जाहिर तौर पर अच्छी कमाई हुई है. म्यूचुअल फंड स्कीम चुनने में एक पैमाना उसकी रेटिंग भी होती है. ज्यादा रेटिंग का मतलब कि उस स्कीम के फंडामेंटल बेहतर हैं और उसमें निवेशकों को भविष्य में अच्छा रिटर्न देने की संभावना है. हम यहां 5 स्टार रेटिंग वाले 5 स्कीम्स की परफॉर्मेंस की बात कर रहे हैं, जिनमें 10,000 रुपये की मंथली SIP से 3 साल में 7.29 लाख रुपये तक का फंड बन गया.
₹10,000 मंथली SIP का 3 साल में कुल कॉर्पस: ₹7.29 लाख
रिटर्न: 51.74% सालाना औसत रिटर्न
मिनिमम SIP: ₹1,000
एसेट: ₹621 करोड़ (31 जुलाई 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.64% (31 जुलाई 2022)
₹10,000 मंथली SIP का 3 साल में कुल कॉर्पस: ₹6.84 लाख
रिटर्न: 46.52% सालाना औसत रिटर्न
मिनिमम SIP: ₹1,000
एसेट: ₹3,074 करोड़ (31 जुलाई 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.42% (31 जुलाई 2022)
₹10,000 मंथली SIP का 3 साल में कुल कॉर्पस: ₹6.74 लाख
रिटर्न: 45.46% सालाना औसत रिटर्न
मिनिमम SIP: ₹500
एसेट: ₹1,584 करोड़ (31 जुलाई 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.57% (31 जुलाई 2022)
₹10,000 मंथली SIP का 3 साल में कुल कॉर्पस: ₹6.49 लाख
रिटर्न: 42.34% सालाना औसत रिटर्न
मिनिमम SIP: ₹1,000
एसेट: ₹6,023 करोड़ (31 जुलाई 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.42% (31 जुलाई 2022)
₹10,000 मंथली SIP का 3 साल में कुल कॉर्पस: ₹6.44 लाख
रिटर्न: 41.73% सालाना औसत रिटर्न
मिनिमम SIP: ₹1,000
एसेट: ₹333 करोड़ (31 जुलाई 2022)
एक्सपेंस रेश्यो: 1.18% (31 जुलाई 2022)
(सोर्स: वैल्यू रिसर्च, 5 स्टार रेटिंग वैल्यू रिसर्च)
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के मुताबिक, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIPs) के जरिए जुलाई 2022 में 12,140 करोड़ रुपये का निवेश आया. जून में यह आंकड़ा 12,276 करोड़ रुपये था. इसके अलावा जुलाई में SIP अकाउंट्स की संख्या 5.61 करोड़ के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई. एम्फी के मुताबिक, हाइब्रिड फंड्स को छोड़कर म्यूचुअल फंड की लगभग सभी कैटेगरी में पॉजिटिव फ्लो रहा है. इससे साफ है कि अगली कुछ तिमाहियों में आर्थिक रिकवरी तेजी से होगी.
एडलवाइस म्यूचुअल फंड के हेड (सेल्स) दीपक जैन के मुताबिक, रिटेल निवेशक मान रहे हैं कि सिस्टमैटिक या अनुशासित तरीके से निवेश लंबी अवधि में ज्यादा फायदा और कम अस्थिर होता है. इसलिए वे रेग्युलर निवेश के लिए SIPs को तरजीह दे रहे हैं. निवेशकों का फोकस सिर्फ रिटर्न नहीं बल्कि रिस्क एडजस्टेड रिटर्न पर है. इसके लिए SIP एक बेहतर ऑप्शन है.