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Thursday, 21 November 2024

Health

थायराइड : बाबा रामदेव के बताए इन 4 योगासनों को अपने जीवन में अपनाने से मिलेगा थायराइड से छुटकारा

22 May 2022 05:00 PM Mega Daily News
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योगा करने के कई फायदे होते हैं इस बात से आप परिचित होंगे। योगा कई तरह के रोगों को भी दूर करता है और आपको स्वस्थ रखता है लेकिन अगर आप किसी एक खास रोग से जूझ रहे हैं तो उसके लिए आपको कौन से योगा आसन करने चाहिए इसकी जानकारी आपको शायद ही हो।

देशभर में थायराइड जैसे गंभीर बीमारी से कई लोग जूझ रहे हैं। कई तरह की दवाइयां खाकर भी अगर आपके थायराइड पर कोई असर नहीं पड़ा है तो बाबा रामदेव के बताए इन योगासन के जरिए अपनी यह परेशानी दूर कर सकते हैं।

सर्वांगासन: यह आसन थायराइड को दूर करने के लिए कुछ बेहतरीन आसनों में से एक है। इसे Shoulder Stand Pose भी कहा जाता हैं। सर्वांगासन करने के लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद एक साथ, अपने पैरों, कूल्हे और फिर कमर को उठाएं। सारा भार आपके कन्धों पर आना चाहिए और ऐसा होते ही अपनी पीठ को अपने हाथों से सहारा दें।

हाथों को पीठ के साथ रखें, कन्धों को सहारा देते रहें। कोहनियों को ज़मीन पर दबाते हुए और हाथों को कमर पर रखते हुए, अपनी कमर और पैरों को सीधा रखें। अपने पैरों को सीधा व मज़बूत रखें। लंबी गहरी साँसे लें और 30 से 60 सेकण्ड तक आसन में ही रहें। आसन पूरा करने के लिए घुटनों को धीरे से माथे के पास लाएं। हाथों को ज़मीन पर रखें और बिना सिर उठाए धीरे-धीरे कमर को नीचे लें करें।

विपरीतकर्णी आसन: इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को मिलाकर एड़ी-पंजे आपस में मिला लें। फिर हाथ बगल में और हथेलियां जमीन के ऊपर और गर्दन सीधी रखें। इसके बाद धीरे-धीरे दोनों पैरों को 30 डिग्री के एंगल पर लाएं।

30 डिग्री पर पहुंचने के बाद कुछ सेकंड रुकें, फिर पैरों को 45 डिग्री कोण पर ले जाएं, और फिर कुछ सेकंड रुकें। इसके बाद 90 डिग्री के कोण पर पैरों को उठाएं। 90 डिग्री पर पहुंचने के बाद दोनों हाथों का सहारा लेकर ‍नितंब को धीरे-धीरे उठाएं और पैरों को पीछे ले जाएं। दोनों हाथ नितंब पर रखें और पैरों को सीधा करें।

हलासन: इसे करने के लिए आप जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैर एक दूसरे से मिले होने चाहिए और हथेलियां जमीन पर और कमर के पास हों। इसके बाद धीरे-धीरे दोनों पैरों को उपर की ओर उठाएं। ध्यान रहें ऐसा करते समय पेट को सिकोड़ें और सांस को अंदर लेते रहें। इसके बाद दोनों पैरों को उठाते हुए सिर के पीछे लगाने कि कोशिश करें।

ध्यान रखें अगर पैर सिर के पीछे नहीं पहुंच रहे हैं तो ज्यादा जोर न लगाएं ऐसा करने से आपकी गर्दन में परेशानी हो सकती है। पीठ और कमर को पैरों के साथ पीछे की तरफ मोड़ने के लिए हाथों का सहारा लें। आसन को थोड़ी देर होल्ड करने की कोशिश करें और घुटनें मुड़ें नहीं इस बात का ध्यान रखें।

मत्स्यासन: इस आसन करने के लिए कमर के बल लेट जाएं और अपने हाथों और पैरों को शरीर के साथ जोड़ लें। हाथों को कूल्हों के नीचे रखें, हथेलियां ज़मीन पर रखें। इसके बाद कोहनियों को साथ जोड़ लें। सांस अंदर लेते हुए, छाती और सर को उठाएं। इसके बाद अपनी छाती को उठाएं, सर को पीछे कि ओर लें और सर की चोटी को ज़मीन पर लगाएं।

सिर को ज़मीन पर आराम से छूते हुए, अपनी कोहनियों को ज़ोर से ज़मीन पर दबाएं, सारा भार कोहनियों पर डालें, सिर पर नहीं। इसके बाद अपनी छाती को ऊंचा उठाएं। जंघा और पैरों को ज़मीन पर दबाएं। जितना संभव हो, आसन में रहें, लंबी गहरी सांस लें। छाती को नीचे करते हुए वापस आएं। दोनों हाथों को वापस शरीर के दाएं-बाएं लगा लें और फिर विश्राम करें।

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