डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो कई क्रॉनिक बीमारियों जैसे कि किडनी, दिल, मोटापा और लंग्स को खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज। दोनों तरह की डायबिटीज के लक्षण लगभग एक जैसे ही है। दोनों तरह की डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखना, बॉडी को एक्टिव रखना, तनाव से दूर रहना और रेगुलर ब्लड शुगर को चेक करना जरूरी है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए कुछ देसी नुस्खे बेहद असरदार साबित होते हैं जिनका सेवन करने से ब्लड शुगर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए अदरक एक बेहतरीन औषधी है जिसका सेवन करके बहुत आसानी से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि अदरक का सेवन कैसे सेहत के लिए फायदेमंद है और ये कैसे ब्लड शुगर कंट्रोल करती है।
अदरक औषधीय गुणों से भरपूर मसाला है जिसका सेवन अक्सर सर्दी-जुकाम और फ्लू का इलाज करने में किया जाता है। इसमें जिंजरोल और शोगोल जैसे यौगिक होते हैं, जिनमें एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद होते हैं। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि अदरक का अर्क इन्फ्लूएंजा वायरस पर लगाम लगाने में असरदार है। अदरक का सेवन इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करता है और बॉडी को संक्रमण से बचाता है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है
अदरक के एंटी-ऑक्सीडेटिव और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण डायबिटीज को कंट्रोल करने में असरदार है। इसका सेवन करने से ब्लड शुगर के साथ ही किडनी की हेल्थ भी दुरुस्त रहती है। अदरक का सेवन टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने में असरदार है।
सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं के मुताबिक चूहों पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक अदरक के जूस का सेवन करने से डायबिटिक नेफ्रोपैथी कंट्रोल होने के साथ ही चूहों की किडनी के कार्य में भी सुधार पाया गया। एक्सपर्ट के मुताबिक किडनी रोग मधुमेह की जटिलता को बढ़ाता है।
अदरक में जिंजरोल पाया जाता है जो अदरक का सक्रिय घटक है। इसका सेवन करने से नेचुरल तरीके से इंसुलिन का निर्माण होता है। अदरक के रस का लगातार सेवन ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करता है। चूहों पर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन चूहों पर अदरक के अर्क का इस्तेमाल किया गया उनकी ब्लड शुगर में 35 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। यूरोपियन जर्नल ऑफ फार्माकोलॉजी (2009) में, शोधकर्ताओं ने बताया कि अदरक के दो अलग-अलग अर्क, स्पिसम और एक तैलीय अर्क इंसुलिन का निर्माण करने में असरदार है।