अजान विवाद को लेकर सीएम नीतीश ने अपनी सहयोगी बीजेपी से अलग राय रखी है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि जो लाउडस्पीकर को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं, उनका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
सीएम ने कहा कि विभिन्न धर्मों की पूजा के अलग-अलग तरीके हैं और उन पर एक-दूसरे से लड़ना सही नहीं है। सीएम ने कहा- “प्रेम और भाईचारे का माहौल होना चाहिए। हर धर्म के अपने तरीके होते हैं। इसको लेकर हमें आपस में नहीं लड़ना चाहिए। सभी को अपने धर्म का पालन करना चाहिए। अगर कोई इन मुद्दों पर विवाद पैदा करता है, तो उसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है”।
हनुमान जयंती और रामनवमी समारोह के दौरान कई राज्यों में हुई हिंसा के बारे में बोलते हुए, नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में कोई सांप्रदायिक विवाद न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान उनका प्रशासन अलर्ट पर रहता है। उन्होंने कहा कि जब से एनडीए की सरकार बिहार में आई है, तब से सांप्रदायिक घटनाओं में कमी आई है। एनडीए से पहले राज्य में सांप्रदायिक तनाव का माहौल रहता था।
बता दें कि नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ सरकार बनाए हुए हैं। भाजपा इस मामले में नीतीश से अलग राय रखती है। भाजपा का कहना है कि लाउडस्पीकर पर अजान नहीं होना चाहिए। राज्य के बीजेपी नेता भी इसी राय के साथ हैं। बिहार सरकार में मंत्री और भाजपा नेता जनक राम ने लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि लाउडस्पीकर पर अजान से दूसरे समुदाय के लोगों को काफी दिक्कत होती है।
इस बार इस विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने की है। राज ठाकरे ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि लाउडस्पीकर पर अजान दिए जाने को बंद कर देना चाहिए, नहीं तो उनके कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने अजान के जवाब में हनुमान चालीसा पढेंगे। उनके इस बयान के बाद से देश के कई हिस्सों में अजान के समय हनुमान चालीसा पढ़ने का मामला सामने आया है।