शुक्रवार को CBI की टीम ने लालू यादव (Lalu Yadav), उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) और दोनों बेटियों हेमा और मीसा के घर पर भी छापेमारी की है. 14 घंटे की मैराथन रेड के बाद जब CBI की टीम राबड़ी देवी के घर से बाहर निकलने लगी तो RJD कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया. हालात इतने खराब हो गए कि राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजप्रताप को खुद CBI अफसरों को गेट तक छोड़ने आना पड़ा.
RJD कार्यकर्ताओं की घेराबंदी इतनी मजबूत थी कि टीम को निकलने का मौका ही नहीं मिल रहा था. इस बीच कार्यकर्ताओं और CBI की टीम में धक्कामुक्की और झड़प भी हुई. हालात इतने खराब हो गए कि राबड़ी देवी को खुद घर से बाहर आ कर कार्यकर्ताओं को मौके से हटाना पड़ा ताकि CBI की टीम को वहां से जाने का रास्ता मिल सके.
हंगामे से नाराज़ राबड़ी देवी ने एक कार्यकर्ता को थप्पड़ भी जड़ दिया. राबड़ी देवी इस हंगामे को लेकर इतनी नाराज थीं कि उन्होंने मीडिया के कैमरे पर भी हाथ छोड़ दिया. CBI की इस रेड को लेकर RJD के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई है.
इस मामले को लेकर आरजेडी का कहना है कि गरीबों के नेता को तंग किया जा रहा है. ये दुखद स्थिति है कि जो व्यक्ति बीमार है, जिसका इलाज चल रहा है ये लोग उसको तंग कर रहे है. आरजेडी विधायक मुकेश रोशन ने कहा, 'हम लोगो को आज सुबह पता चला की लल्लू जी के यहां छापा पड़ा है. घर में कोई नहीं है, दीदी है बस. मेरे नेता बीमार हैं. ये 2-4 लोग जो हारे हैं उसका बदला ले रहे हैं. इतना घोटला हुआ कोई नहीं देख रहा. ये सब परेशान करने के लिए हो रहा है. ऐसे समय में छापा पड़ा जब लालू जी इलाज करवाने दिल्ली गए हैं, तेजस्वी विदेश में है. हम लोगो की पार्टी गरीबों की पार्टी है. इसलिए यहां बस तंग किया जा रहा है.'
आपको बता दें कि साल 2004 से 2009 तक लालू यादव UPA सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि उसी दौरान लालू प्रसाद यादव ने जमीन के बदले कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी पर रखा था. उसी मामले में सीबीआई ने 18 मई को मामला दर्ज कर ये कारवाई की है. इससे पहले भी लालू प्रसाद यादव पत्नी राबड़ी, बेटे तेजस्वी यादव और बेटी मीसा के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया था जिसमें आरोप था कि IRCTC के रांची और पुरी में दो होटलों की जमीन लेकर प्राइवेट होटल को लीज पर चलाने के लिये दे दिये गये थे.