अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में एक बड़ा फैसला लिया जा रहा है। कैलिफोर्निया सरकार राज्य में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले सभी वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। कैलिफोर्निया राज्य का विचार है कि 2035 तक पेट्रोल-डीजल से चलने वाले सभी प्रकार के वाहनों की बिक्री और चलने वाले वाहनों पर पाबंदी लगाने पर विचार कर रही है वही सिर्फ शून्य उत्सर्जन वाहन की बिक्री की जाएगी।
कैलिफोर्निया ही नहीं बल्कि इससे पहले यूरोपीय संसद में सांसदों ने 2035 तक वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध के प्रस्ताव का समर्थन किया था। इसी को लेकर अब भारत में भी वाहन बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में पेट्रोल-डीजल के वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों की ब्रिक्री ज्यादा होगी। हालांकि अभी ऐसा कुछ नहीं है लेकिन यह अभी बहस का विषय है। अमेरिका और यूरोपियन देशों की तरह भारत में इस तरह का फैसला लिया जा सकता है या नहीं, ऐसा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। लेकिन कुछ समय पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के पंजीकरण को रोकने की कोई योजना नहीं बना रही है। हालांकि भारत सरकार भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से उपयोग में लाने की दिशा में काम कर रही है।
आज के समय में जब भी आम भारतीय कार खरीदने का मन बनाता है तो उसके मन में पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों को देखकर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का विचार जरूर आता होगा। इसी वजह से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ लोगों का रुझान बढ़ भी रहा है। जानकारों का मानना है कि सिर्फ जनता ही नहीं बल्कि प्रदूषण और वाहनों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रही है। इसीलिए भारत में भी इस बात पर चर्चा है कि हमारी सरकार यूरोप और कैलिफोर्निया की तरह आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल के वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला कर सकती है।
आपको बता दें कि हमारे देश में प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है। वाहनों से निकलने वाला धुआं देश में प्रदूषण का कारण बनता ही जा रहा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी इसको लेकर चिंतत हैं। हालांकि सरकारों की ओर से प्रदूषण कम करने के लिए कई कदम भी उठाए गए हैं। लेकिन कुछ नहीं निकल पाया। इसलिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर इसे कम करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल वाहनों को पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता है