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बचे इंस्टेंट लोन ऐप्स से, जाने डिजिटल एक्टॉर्शन वाली ऑपरेंडी क्या है और कैसे फसते है इसके दलदल में

10 August 2022 09:03 AM Mega Daily News
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Exclusive : डिजिटल एक्सटॉर्शन की मोडस ऑपरेंडी, इंस्टेंट लोन ऐप्स डेढ़ लाख देकर वसूलती हैं 90 लाख

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आपने आतंकियों की, शातिर अपराधियों की मोडस ऑपरेंडी के बारे में तो कई बार सुना होगा. लेकिन हम आपको इंस्टेंट लोन देने वाली ऐप्स की डिजिटल एक्टॉर्शन वाली ऑपरेंडी के बारे में बताएंगे कि कैसे एक शख्स जिसने जरूरत के समय डेढ़ लाख रुपये का कर्ज लिया था वो 5 महीने में 6 गुना बढ़ कर आज 90 लाख तक पहुंच गया है. 

इस खबर से आप इंस्टेंट लोन देने वाली कंपनियों की उस मोडस ऑपरेंडी को समझेंगे, जिसमें पहले एक शख्स को कुछ हजार रुपयों का लोन दिया जाता है, फिर उसे ज्यादा राशि उधार देने के नए-नए ऑफर दिए जाते हैं और फिर कुछ ही हफ्तों में लिए गए उधार से दोगुना अमाउंट बनाकर शख्स से चुकाने के लिए कहा जाता है और चुकाने में असमर्थता जताने पर मोडस ऑपरेंडी के तहत कहा जाता है कि एक दोगुने उधार को चुकाने के लिए हमारी ही दूसरी ऐप से उधार ले लो.

ऐसा करते-करते शख्स पर 50 लाख के ऊपर का लोन हो जाता है, तब उसे गालियां और उसकी अश्लील फोटो दोस्तों और रिश्तेदारों को दे दी जाती हैं. इंस्टेंट लोन ऐप्स की कभी ना खत्म होने वाली उधारी के दलदल वाली मोडस ऑपरेंडी को समझाने के लिए हम आपको दिल्ली में रहने वाले 28 वर्ष के आदित्य की कहानी बताते हैं.

30 हजार का मांगा था लोन

फरवरी में आदित्य को कुछ रुपयों की जरूरत थी लेकिन आदित्य ने रुपये परिवार वालों से लेने के बजाए इंस्टेंट लोन एप से उधार लेने का सोचा. आदित्य ने 30 हज़ार के लोन के लिए पहली बार आवेदन किया लेकिन उन्हें लोन मिला सिर्फ 5 हज़ार का. फिर आदित्य ने और लोन लेने के लिए 5 से 6 बार और आवेदन किया और आदित्य को लगभग 30 हज़ार का लोन मिल गया जिसे आदित्य को 15 दिनों में चुकाना था. ये महज शुरुआत थी आदित्य के दलदल में फंसने की. 

इन 15 दिनों के भीतर आदित्य के पास अन्य इंस्टेंट लोन कंपनियों के कई मैसेज उधार देने के लिए आए. कई विज्ञापन आदित्य को तुरंत लोन लेने के आने लगे. आदित्य ने और उधार लेना शुरू कर दिया और कुछ ही दिनों में आदित्य ने लगभग 6 से 7 लोन एप्स से तकरीबन डेढ़ लाख का लोन ले लिया था.

20-25 दिन में चुकाने को कहा

अब बारी आई उधार चुकाने की तो ये कंपनियां आदित्य को उधार चुकाने के लिए कॉल करने लगीं.आदित्य ने कुल जमा उधार तो लिया था डेढ़ लाख का लेकिन 20 से 25 दिनों में चुकाने के लिए उनसे कहा गया 3 लाख. अब पहले तो आदित्य ने फोन उठाना बंद किया. फिर आदित्य ने इंस्टेंट लोन एप के प्रतिनिधि से तुरंत लोन चुकाने पर असमर्थता जताई तो लोन ऐप के प्रतिनिधि ने आदित्य को विकल्प दिया कि अगर आदित्य चाहें तो उसकी कंपनी की ही दूसरी ऐप से एक और नया उधार ले ले और पुराना लोन चुका दे. 

कोई अन्य विकल्प ना होने पर आदित्य ने बात मान ली और एक नई इंस्टेंट लोन ऐप से 3 लाख रुपये उधार लेकर पुराना उधार चुका दिया. फिर जब यह 3 लाख का अमाउंट 6 लाख 75 हज़ार से ज्यादा बन गया तो इसे चुकाने के लिए आदित्य ने लोन ऐप प्रतिनिधि की बात मान कर एक बार फिर नया लोन लिया और पुराना चुका दिया. 

यह सिलसिला ऐसे ही लगभग 3 महीने तक चलता रहा और पुराने लोन को आदित्य नए लोन से चुकाने लगे. फिर एक दम से लोन एप्स ने आदित्य को नया उधार देने से मना कर दिया और पुराना उधार चुकाने की मांग की. आदित्य पर इंस्टेंट लोन एप्स का कुल उधार 70 लाख के आसपास बन गया था. 

ऐसे में जब आदित्य ने डर की वजह से फोन उठाना बंद कर दिया तो पहले तो उसे धमकी भरे मैसेज व्हाट्सएप पर भेजे गए और फिर आदित्य के परिवार वालों, रिश्तेदारों को आदित्य के बलात्कारी होने, अश्लील फोटो के मैसेज भेजे जाने लगे. 

गिरवी रखे मां के गहने

लोन वाले डिजिटल एस्टॉर्शन का शिकार बने आदित्य ने अपने परिवार वालों को इस बारे में सब कुछ बताया, जिसके बाद पहले तो आदित्य के परिवार ने मां के गहने गिरवी रख कर, मां के रिटायरमेंट फंड और जोड़ी गई कमाई से 67 लाख रुपये चुका दिए. लेकिन 67 लाख चुकाने के बाद भी आदित्य के परिवार की मुश्किलें कम नहीं हुईं और आज भी ये कंपनियां  आदित्य से 24 लाख रुपये और मांग रही हैं.

जारी है गाली-गलौज का दौर

यानी इस पूरे मामले का सार यह है कि आदित्य ने शुरुआत में अपनी मर्जी से डेढ़ लाख रुपये का लोन लिया लेकिन उसके बाद उसे इस तरह दलदल में धकेला गया जिसमें उससे कुल 90 लाख से ज्यादा अपनी जेब से देने के लिए कहा गया. 67 लाख तो दे दिए गए लेकिन बाकी के 24 लाख के लिए आज भी गली-गलौज, अश्लील फोटो भेजना जारी है.

आदित्य के परिवारवालों को लगा था कि 67 लाख चुकाने के बाद शायद अब परिवार शांति से जी पाएगा लेकिन लोन एप्स की 24 लाख की और मांग के बाद आदित्य के परिवार वालों ने दिल्ली पुलिस के पास जाकर मामला दर्ज करवाया और मदद की गुहार लगाई लेकिन कोई राहत ना मिलने के बाद अब आदित्य के परिवार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मदद मांगी है.

डिप्रेशन का शिकार हुआ आदित्य

इंस्टेंट लोन के दलदल में आदित्य ऐसा फंसा कि आज वह मानसिक रूप से बीमार होकर डिप्रेशन का शिकार हो चुका है. उसका इलाज चल रहा है. लेकिन लोन वाले डिजिटल वसूलियों को कहां किसी के जीने मरने से फर्क पड़ता है. वो तो बस रोज़ गालियों भरी कॉल, अश्लील फोटो परिवार वालों और दोस्तों को भेज कर आदित्य का जीवन खराब करने में लगे हुए हैं...

दूसरा केस समझिए

इंस्टेंट लोन ऐप की एक और मोडस ऑपरेंडी हम आपको आज दिल्ली में रहने वाली जूली के माध्यम से दिखाते हैं, जिनके खाते में एक रुपया भी नहीं आया लेकिन 40 हज़ार चले जरूर गए.दिल्ली के रानी बाग इलाके में रहनी वाली जुली सिंगल मदर हैं और इनके दो बच्चे हैं. एक कॉल सेंटर में काम करके परिवार को चलाती हैं और किराए के मकान में 17 साल के बेटे और 6 साल की बेटी के साथ रहती हैं. 

साल 2020 के अक्टूबर में इनकी बेटी ने एक ऑनलाइन लोन ऐप के लिंक पर क्लिक कर दिया था, जिसके बाद जूली के एक अकाउंट से पहले 699 रुपये कटे फिर उनके पास यह कहते हुए कॉल की गई कि यह सिर्फ एक सर्विस चार्ज है. 

लोन अप्रूव होते ही राशि खाते में जमा हो जाएगी. जूली के बैंक खाते में लोन की रकम तो कभी नहीं आई लेकिन 40,000 रुपये जरूर चले गए. जूली ने साइबर सेल से लेकर पुलिस और बैंक तक से शिकायत की लेकिन आज तक उन्हें रुपये वापस नहीं मिले.

रिजर्व बैंक भी कर चुका है आगाह

इंस्टेंट लोन के नाम पर भारत में किस कदर डिजिटल एक्सटॉर्शन चल रहा है, उसके बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक भी कई मौकों पर आगाह कर चुका है. पिछले साल दिसंबर में RBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि ऑनलाइन लोन देने वाली कुल 1100 कंपनियों में आधे से ज्यादा 600 कंपनियां गैरकानूनी हैं और लोग इनसे सतर्क रहें.

पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने भी चीनी लोन ऐप्स के गिरोह को पकड़ कर बताया था कि कैसे चीनी लोन ऐप्स ने लोगों से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध वसूली की थी. लेकिन इस धरपकड़ के बावजूद आज भी ये इंस्टेंट लोन ऐप्स लोगों को अपना शिकार बना रही हैं और पूरा सिस्टम तमाशबीन बना बैठा है.

कैसे करें बचाव

अगर आप गूगल प्ले स्टोर पर लोन शब्द टाइप करेंगे तो आपको ऐसी ऐप्स की भरमार मिल जाएगी जो इंस्टेंट लोन देती हैं और इसका उपयोग लाखों लोग करते हैं. इंस्टेंट लोन ऐप्स उपयोग करने वाले ज्यादातर लोगों का तर्क है कि क्योंकि इन ऐप्स से उन्हें लोन आसानी से 20-30 मिनट में मिल जाता है और बैंक की तरह कागज़ी कार्यवाही के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं इसलिए वो जरूरत पड़ने पर इन ऐप्स से पैसे ले लेते हैं और समय पर चुका देते हैं. ये इंस्टेंट लोन ऐप्स लोगों को लाखों रुपये देने का दावा करती हैं.

लेकिन किसी भी यूजर को पहली बार में सिर्फ 1 हजार से 5 हज़ार रुपये तक ही देती हैं. ये लोन ऐप यूजर को लालच भी देती हैं कि वो जितनी ज्यादा बार लोन ऐप से ऑनलाइन लोन लेंगे उतनी ही उनकी लोन लिमिट बढ़ेगी और वो 5 लाख तक का लोन ले सकते हैं. ऐसे में आज इन ऐप्स की मोडस ऑपरेंडी पीड़ितों के आधार पर दिखा कर हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि आप इन डिजिटल एक्सटॉर्शन करने वालों से खुद भी बचिए और अपने परिवार को भी बचाइए.

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