उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने जुलाई, 2011 के एक हत्या के मामले में 16 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसमें तीन नाबालिगों सहित एक ही परिवार के आठ सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में हत्या का आरोप गैंगस्टर विक्की त्यागी, पत्नी मीनू त्यागी और उसके अन्य साथियों पर था।
साल 2011 की 11 जुलाई को एक परिवार की गाड़ी को विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी थी। बाद में, पुलिस जांच में यह पाया गया कि इस दुर्घटना की साजिश तत्कालीन जेल विक्की त्यागी ने बनाई थी, ताकि उसके प्रतिद्वंद्वी उदयवीर सिंह को खत्म किया जा सके। इस घटना में एसयूवी में सवार एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई थी।
एक ही परिवार की हत्या के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश छोटे लाल यादव ने विक्की त्यागी की पत्नी मीनू त्यागी समेत 16 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मीनू त्यागी उर्फ वंदना के अलावा दोषियों ममता, अनिल, शुभम, लोकेश, प्रमोद, मनोज, मोहित, धर्मेंद्र, रविंद्र, विनोद, विदित, बबलू उर्फ अजय शुक्ला, बॉबी शर्मा उर्फ विनीत शर्मा, बॉबी त्यागी उर्फ विनीत त्यागी और हरवीर को सजा सुनाई गई है।
मुजफ्फरनगर के जिला सरकारी वकील राजीव शर्मा ने कहा कि सभी आरोपी जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा, इस घटना के पीछे का कारण दो समूहों के बीच प्रतिद्वंद्विता थी। गैंगस्टर विक्की त्यागी ने इस हत्या को दुर्घटना का रूप दिया था लेकिन जांच में सभी बातें स्पष्ट हो गईं थी। बता दें कि, कुख्यात गैंगस्टर विक्की त्यागी और उसकी गैंग की दहशत कई सालों तक पश्चिमी यूपी व इस इलाके में रही है।
चरथावल थाने के कुख्यात गैंगस्टर विक्की की 16 फरवरी 2015 को कोर्ट रूम में गोली मारकर थी। वकील की वर्दी पहने एक लड़के ने उसे गोली मार दी और मौके से पिस्तौल के साथ उसे पकड़ा गया था।
विक्की की हत्या के बाद उसकी पत्नी मीनू त्यागी ने गैंग की बागडोर संभाल की थी। जबकि, जुलाई 2007 की हत्या के एक मामले में मीनू त्यागी और पांच अन्य को मुजफ्फरनगर की एक स्थानीय अदालत ने साल 2017 में सुनाई थी। फिलहाल मीनू त्यागी अंबेडकर नगर जेल में हैं।