उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों अपने और अपने फैमिली मेंबर्स की समस्त चल-अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करने का निर्देश दिया. सीएम योगी ने मंत्रियों के अलावा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) व प्रांतीय प्रशासनिक सेवा (PCS) के अधिकारियों को भी संपत्ति उजागर करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही मंत्रियों से यह अपेक्षा की कि शासकीय कार्यों में उनके परिवार के सदस्यों का कोई हस्तक्षेप नहीं हो.
लोकभवन में अपने मंत्रिमंडलीय सदस्यों के साथ मंगलवार को आयोजित एक विशेष बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा, 'स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जनप्रतिनिधियों के आचरण की शुचिता अति आवश्यक है. इसी भावना के अनुरूप सभी मंत्री शपथ लेने के अगले तीन माह की अवधि के भीतर अपने और अपने परिवार के सदस्यों की समस्त चल-अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें.' बता दें कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने 25 मार्च को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी.
सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करते हुए मंत्रियों के लिए निर्धारित आचरण संहिता का पूरी निष्ठा से पालन किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'सभी लोक सेवक (IAS/PCS) अपनी और परिवार के सदस्यों की समस्त चल/अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें और यह विवरण आम जनता के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए.'
शासकीय कार्यों में मंत्रियों के परिवार के सदस्यों के हस्तक्षेप की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा, 'सभी मंत्री यह सुनिश्चित करें कि शासकीय कार्यों में उनके परिवार के सदस्यों का कोई हस्तक्षेप नहीं हो.' सीएम योगी ने नसीहत देते हुए कहा, 'हमें अपने आचरण से आदर्श प्रस्तुत करना होगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'अब सरकार 'जनता के द्वार' पहुंचेगी और आगामी विधान सभा सत्र से पूर्व मंत्रियों को प्रदेश भ्रमण का कार्य पूरा कर लेना होगा. इस सिलसिले में 18 मंत्री समूह गठित किए गए हैं और इनके लिए मंडल निर्धारित किए गए हैं.'
सरकारी बयान के अनुसार, दोनों उप मुख्यमंत्रियों की टीम में एक-एक राज्य मंत्री सम्मिलित हैं, शेष तीन सदस्यीय मंत्री समूह गठित किए गए हैं. भ्रमण का यह कार्यक्रम शुक्रवार से रविवार तक होगा. पहले चरण में प्रदेश भ्रमण करने के बाद मंत्री समूहों को रोटेशन प्रणाली के तहत दूसरे मंडलों की जिम्मेदारी दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि तीन दिवसीय मंडलीय भ्रमण के दौरान हर टीम को एक जिले में कम से कम 24 घंटे रहना होगा. टीम का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ मंत्री कम से कम दो जिलों का भ्रमण करें.
मुख्यमंत्री ने भ्रमण के दौरान मंत्रियों के लिए दिशानिर्देश भी निर्धारित कर उन्हें मंडलीय समीक्षा बैठकों में विभागीय प्रस्तुतिकरण देखने की जिम्मेदारी दी है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि भ्रमण के दौरान जन चौपाल का कार्यक्रम अवश्य करें और सीधा जनता से संवाद करें. इसके अलावा किसी एक विकास खंड/तहसील के औचक निरीक्षण करें और दलित/मलिन बस्ती में सहभोज का कार्यक्रम रखें.'
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को भ्रमण के दौरान शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भेंट करने के साथ ही कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए महिला सुरक्षा के मामलों, एससी/एसटी के प्रकरणों में अभियोजन की स्थिति, पुलिस गश्ती, बाल यौन अपराधों, व्यापारियों की समस्याओं, गैंगस्टर पर कार्रवाई आदि का पूरा विवरण भी देखने को कहा है. सीएम योगी ने कहा है कि मंत्री समूहों के हर सदस्य को रात्रि विश्राम किसी जिले में ही करना होगा.
एक सरकारी बयान में बताया गया है, 'हर टीम अपनी भ्रमण रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी. मंत्रिपरिषद की बैठक में मंत्री समूह की आकलन रिपोर्ट पर चर्चा होगी. इसके बाद जनहित में और कदम उठाए जाएंगे.' मुख्यमंत्री ने सभी मंत्री से सोमवार और मंगलवार को राजधानी में ही रहने को कहा है.
सरकारी बयान के अनुसार, केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा सूर्य प्रताप शाही- मेरठ, सुरेश खन्ना- लखनऊ, स्वतंत्र देव सिंह- मुरादाबाद, बेबी रानी मौर्य- झांसी, चौधरी लक्ष्मी नारायण- अलीगढ़, जयवीर सिंह- चित्रकूट धाम, धर्मपाल सिंह- गोरखपुर, नंदगोपाल गुप्ता नंदी- बरेली, भूपेंद्र सिंह- मिर्जापुर, अनिल राजभर- प्रयागराज, जितिन प्रसाद- कानपुर, राकेश सचान- देवीपाटन, अरविंद शर्मा- अयोध्या, योगेंद्र उपाध्याय- सहारनपुर, आशीष पटेल- बस्ती और संजय निषाद को आजमगढ़ मंडल की जिम्मेदारी सौंपी गई है.