वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर विवाद और दूसरे स्मारकों पर स्वामित्व को लेकर कानूनी जंग लगातार जारी है. हिंदू पक्ष ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट और वाराणसी की कोर्ट में याचिका देकर ज्ञानवापी परिसर में पूजा का अधिकार देने का आग्रह किया. वहीं मुस्लिम पक्ष ने बैठक करके साफ कर दिया कि धार्मिक स्थलों के स्वरूप से किसी भी तरह छेड़छाड़ न की जाए वर्ना मुसलमान समुदाय भी अपने हक की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं रहेगा.
वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने एडवोकेट अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद विवाद में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है. याचिका में दलील दी गई कि मुसलमान किसी भूखंड पर मस्जिद का दावा करते हुए कोई अधिकार नहीं जता सकते, जब तक कि इसका निर्माण कानूनी रूप से स्वामित्व और नियंत्रण वाली पवित्र जमीन पर नहीं किया गया हो.
याचिकाकर्ता ने कहा कि देवों में निहित संपत्ति देवों की होती है, भले ही किसी व्यक्ति ने उस पर अवैध कब्जा किया हो और उस पर नमाज अदा की जा रही हो. वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने याचिका में कहा कि केवल उन्हीं जगहों को संरक्षित किया जा सकता है, जिन्हें उन्हें बनाने वाले व्यक्ति के पर्सनल लॉ के अनुरूप बनाया गया है. जबकि पर्सनल लॉ की अवज्ञा करते हुए निर्मित स्थानों को 'उपासना स्थल' नहीं कहा जा सकता.
पिटीशन में दावा किया गया कि मस्जिद का दर्जा केवल उन्हीं ढांचों को दिया जा सकता है, जो इस्लाम के सिद्धांतों के अनुसार बनाए गए हैं. इस्लामी कानून में निहित प्रावधानों के खिलाफ बनाई गई मस्जिदों को मस्जिद नहीं कहा जा सकता. बता दें कि मस्जिद परिसर में सर्वे के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने शीर्ष अदालत का रुख किया था. जिसके बाद अश्विनी उपाध्याय की ओर से यह नई याचिका दायर की गई है.
उधर मंगलवार को ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद विवाद में वाराणसी कोर्ट में नई याचिका दायर कई गई. इस याचिका में ज्ञानवापी परिसर में हिंदुओं को पूजा की अनुमति दिए जाने और मस्जिद के गुंबद के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किए जाने की मांग की गई है. इस याचिका पर कोर्ट ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है और इस पर सुनवाई शुरू होनी है.
वहीं ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi) में हिंदुओं को पूजा की अनुमति दिए जाने की अर्जी को वाराणसी की जिला अदालत ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है. यह अर्जी आदि विशेश्वर विराजमान की तरफ से दाखिल की गई है. इस अर्जी में हिंदुओं को पूजा के अधिकार देने के साथ ही मस्जिद के गुंबद के ध्वस्तीकरण के आदेश देने की अपील की गई है. यह अर्जी राखी सिंह व चार अन्य महिलाओं की तरफ से दाखिल किए गए मुकदमे से अलग है. इस याचिका पर वाराणसी की कोर्ट में आज सुनवाई होगी.