Breaking News
युवती ने शादी के वक्त पति से छुपाई ऐसी बात, पता चलते ही पैरों तले खिसकी जमीन, परिवार सदमे में Best Recharge Plans : Jio ने 84 दिन वाले प्लान से BSNL और Airtel के होश उड़ा दिए, करोड़ों यूजर्स की हो गई मौज Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना
Saturday, 09 November 2024

Uttar Pradesh

ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा करने और गुम्बद हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो नई अर्जी दाखिल

25 May 2022 08:56 AM Mega Daily News
याचिका,मस्जिद,कोर्ट,ज्ञानवापी,वाराणसी,परिसर,अश्विनी,अर्जी,सुप्रीम,उपाध्याय,विवाद,मंगलवार,अधिकार,कुमार,gyanvapi,two,new,applications,filed,supreme,court,worship,masjid,removal,dome

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर विवाद और दूसरे स्मारकों पर स्वामित्व को लेकर कानूनी जंग लगातार जारी है. हिंदू पक्ष ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट और वाराणसी की कोर्ट में याचिका देकर ज्ञानवापी परिसर में पूजा का अधिकार देने का आग्रह किया. वहीं मुस्लिम पक्ष ने बैठक करके साफ कर दिया कि धार्मिक स्थलों के स्वरूप से किसी भी तरह छेड़छाड़ न की जाए वर्ना मुसलमान समुदाय भी अपने हक की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं रहेगा. 

अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में दी याचिका

वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने एडवोकेट अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी. इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद विवाद में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है. याचिका में दलील दी गई कि मुसलमान किसी भूखंड पर मस्जिद का दावा करते हुए कोई अधिकार नहीं जता सकते, जब तक कि इसका निर्माण कानूनी रूप से स्वामित्व और नियंत्रण वाली पवित्र जमीन पर नहीं किया गया हो.

याचिकाकर्ता ने कहा कि देवों में निहित संपत्ति देवों की होती है, भले ही किसी व्यक्ति ने उस पर अवैध कब्जा किया हो और उस पर नमाज अदा की जा रही हो. वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने याचिका में कहा कि केवल उन्हीं जगहों को संरक्षित किया जा सकता है, जिन्हें उन्हें बनाने वाले व्यक्ति के पर्सनल लॉ के अनुरूप बनाया गया है. जबकि पर्सनल लॉ की अवज्ञा करते हुए निर्मित स्थानों को 'उपासना स्थल' नहीं कहा जा सकता.

'इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ बनी है मस्जिद'

पिटीशन में दावा किया गया कि  मस्जिद का दर्जा केवल उन्हीं ढांचों को दिया जा सकता है, जो इस्लाम के सिद्धांतों के अनुसार बनाए गए हैं. इस्लामी कानून में निहित प्रावधानों के खिलाफ बनाई गई मस्जिदों को मस्जिद नहीं कहा जा सकता. बता दें कि मस्जिद परिसर में सर्वे के खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने शीर्ष अदालत का रुख किया था. जिसके बाद अश्विनी उपाध्याय की ओर से यह नई याचिका दायर की गई है. 

उधर मंगलवार को ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद विवाद में वाराणसी कोर्ट में नई याचिका दायर कई गई. इस याचिका में ज्ञानवापी परिसर में हिंदुओं को पूजा की अनुमति दिए जाने और मस्जिद के गुंबद के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किए जाने की मांग की गई है. इस याचिका पर कोर्ट ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है और इस पर सुनवाई शुरू होनी है. 

मस्जिद के गुंबद ढहाने की मांग पर अर्जी

वहीं ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi) में हिंदुओं को पूजा की अनुमति दिए जाने की अर्जी को वाराणसी की जिला अदालत ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है. यह अर्जी आदि विशेश्वर विराजमान की तरफ से दाखिल की गई है. इस अर्जी में हिंदुओं को पूजा के अधिकार देने के साथ ही मस्जिद के गुंबद के ध्वस्तीकरण के आदेश देने की अपील की गई है. यह अर्जी राखी सिंह व चार अन्य महिलाओं की तरफ से दाखिल किए गए मुकदमे से अलग है.  इस याचिका पर वाराणसी की कोर्ट में आज सुनवाई होगी.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News