उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (UP-SCR) का गठन किया जाएगा. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को लखनऊ व आसपास के जिलों को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं. साथ ही प्रदेश में अब भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की तैयारी हो रही है. सीएम योगी ने कहा कि इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा और भूमाफियाओं के खिलाफ प्रशासन तेजी से कार्रवाई करे. सीएम योगी ने अधिकारियों ने लखनऊ मेट्रो के दूसरे फेज के लिए भी प्रस्ताव मांगा है.
प्लान तैयार करने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ मेट्रोपोलिटन सिटी के तौर पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो रही है और अब अलग-अलग शहरों लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं. आस-पास के जिलों में भी जनसंख्या का दवाब बढ़ रहा है और कई बार अनियोजित विकास की शिकायतें भी मिलती हैं. ऐसे में भविष्य की जरूरतों को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' का गठन किया जाना चाहिए. इस राजधानी क्षेत्र में लखनऊ के साथ-साथ उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, कानपुर नगर और कानपुर देहात को शामिल किया जा सकता है. इसके लिए अधिकारियों की ओर से वर्क रिपोर्ट पेश की जाए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आवास और शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद व सभी शहरी विकास प्राधिकरणों की रिव्यू मीटिंग की, जिसमें अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. सीएम योगी ने कहा कि बीते 5 साल में उत्तर प्रदेश में विश्वस्तरीय नगरीय सुविधाओं का विस्तार हुआ है. आरआरटीएस और मेट्रो जैसी अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट सर्विस हो या शुद्ध पेयजल, इंटीग्रेटेड टाउनशिप का विकास, एक्सप्रेस-वे की रफ्तार हो या कि वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, हर क्षेत्र में तकनीक की मदद से आम शहरवासी को अब 'ईज ऑफ लिविंग' का अनुभव हो रहा है.
भूमाफियाओं के खिलाफ सख्ती
अधिकारियों के निर्देश देते हुए सीएम योगी ने कहा कि अथॉरिटी और नगरीय निकायों में भूमाफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ सख्त कार्रवाई का दौर लगातार जारी रहेगा. भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ एक्शल लिया जाए. उत्तर प्रदेश में किसी गरीब के घर पर दबंग का कब्जा कतई मंजूर नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि सभी प्राधिकरण, स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां/रिहायशी कॉलोनी बसने न पाए, हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित करें.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अगले 50 साल को ध्यान में रखते हुए विकास परियोजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए और हर प्राधिकरण में टाउन प्लानर की तैनाती की जाए. अथॉरिटी को अपनी परियोजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन भी खुद ही करने पर गंभीरता से विचार करना होगा. नए शहर बसाने हों या कोई अन्य ग्रीन फील्ड परियोजना, इनकी प्लानिंग ऐसी हो कि यहां कॉमर्शियल एक्टिविटी को बढ़ावा मिल सके. इससे प्राधिकरण को आय होगी जो संबंधित परियोजना में उपयोग हो सकती है.