सपा के नेता आजम खान को आखिरकार जेल से बाहर आने का मौका मिल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनको आज जमानत दे दी। आजम खान पर यूपी सरकार ने 89 केस दाखिल किए हैं। इनमें से 88 में पहले ही उनको जमानत मिल गई थी। आज एक अन्य केस में जमानत मिल गई। आजम पर ये नया केस फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तीन स्कूलों की मान्यता लेने का लगाया गया था। आजम इस केस की वजह से सीतापुर जेल से ईद के मौके पर भी छूट नहीं सके थे। आजम 2020 से जेल में हैं। यूपी सरकार के वकील ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में आजम को आदतन अपराधी और भू-माफिया बताया था।
आजम खान की जमानत को लेकर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा। इसके साथ ही सामान्य जमानत के लिए आजम को समुचित और सक्षम अदालत में दो हफ्ते के अंदर अर्जी लगानी पड़ेगी।
आपको बता दें, कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट में जमानत का विरोध करते हुए यूपी सरकार के वकील ने आजम को आदतन अपराधी और भू माफिया बताया था। आजम ने 17 मई को यूपी के रामपुर जिले के एक मामले में जमानत मांगी है। ये नया मामला है और एक फर्जी दस्तावेज के आधार पर तीन स्कूल खोलने का है। आजम का कहना है कि उनका इन स्कूलों से कोई लेना-देना नहीं है।
आजम खान के वकील कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल हैं। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि यूपी सरकार राजनीतिक द्वेष की वजह से आजम को लगातार मुकदमों में फंसा रही है। उन्होंने कहा था कि आजम खान दो साल से ज्यादा यानी फरवरी 2020 से यूपी की सीतापुर जेल में हैं और उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। यहां बता दें कि आजम खान पर 89 केस हैं और 88 में उनको जमानत मिल चुकी है। वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी है।