Breaking News
Cooking Oil Price Reduce : मूंगफली तेल हुआ सस्ता, सोया तेल की कीमतों मे आई 20-25 रुपये तक की भारी गिरावट PM Kisan Yojana : सरकार किसानों के खाते में भेज रही 15 लाख रुपये, फटाफट आप भी उठाएं लाभ Youtube से पैसे कमाने हुए मुश्किल : Youtuber बनने की सोच रहे हैं तो अभी जान लें ये काम की बात वरना बाद में पड़ सकता है पछताना गूगल का बड़ा एक्शन, हटाए 1.2 करोड़ अकाउंट, फर्जी विज्ञापन दिखाने वाले इन लोगो पर गिरी गाज Business Ideas : फूलों का बिजनेस कर गरीब किसान कमा सकते है लाखों रुपए, जानें तरीका
Sunday, 08 September 2024

States

आरक्षण के मुद्दे पर योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी

05 January 2023 01:38 AM Mega Daily News
आरक्षण,न्यायालय,ओबीसी,निकाय,स्थानीय,राज्य,मसौदा,अधिसूचना,सरकार,कोर्ट,उत्तर,प्रदेश,चुनाव,अदालत,चुनावों,,yogi,government,got,relief,supreme,court,issue,reservation,stayed,order,allahabad,high

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने कहा, उप्र द्वारा नियुक्त पैनल को तीन महीने में राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों के लिए ओबीसी आरक्षण से संबंधित मुद्दों पर फैसला करना होगा. कोर्ट ने कहा, उप्र स्थानीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिन प्रशासकों को उनकी शक्तियां सौंपी जाएंगी, वे बड़े नीतिगत फैसले नहीं लेंगे.

जानें क्या है पूरा मामला

राज्य सरकार ने 27 दिसंबर के आदेश के खिलाफ दायर अपनी अपील में कहा था कि उच्च न्यायालय ने पांच दिसंबर की मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के अलावा ओबीसी के लिए शहरी निकाय चुनावों में सीटों के आरक्षण का प्रावधान किया गया था. अधिवक्ता रुचिरा गोयल के माध्यम से दायर अपील में कहा गया था कि ओबीसी को संवैधानिक संरक्षण मिला हुआ है और उच्च न्यायालय ने मसौदा अधिसूचना रद्द करके गलत किया है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने से संबंधित सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए पांच सदस्यीय आयोग गठित किया.  समिति की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राम अवतार सिंह करेंगे. चार अन्य सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी चौब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, और राज्य के पूर्व कानूनी सलाहकार संतोष कुमार विश्वकर्मा व ब्रजेश कुमार सोनी हैं.

उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कहा था कि राज्य सरकार तत्काल अधिसूचना जारी करे क्योंकि 31 जनवरी को विभिन्न नगरपालिकाओं का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. यह कहते हुए अदालत ने पांच दिसंबर की मसौदा अधिसूचना रद्द कर दी थी. अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को मसौदा अधिसूचना में ओबीसी की सीटें सामान्य वर्ग को स्थानांतरित करके 31 जनवरी तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था.

उच्चतम न्यायालय की ओर से निर्धारित ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले का पालन किए बिना ओबीसी आरक्षण का मसौदा तैयार किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्च न्यायालय ने यह फैसला सुनाया था. ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले के अनुसार स्थानीय निकायों के संदर्भ में पिछड़ेपन की प्रकृति का गहनता से अध्ययन करने के लिए एक आयोग का गठन किया जाना चाहिए. आयोग की सिफारिशों के आधार पर आरक्षण का अनुपात तय होना चाहिए और आरक्षण की कुल सीमा 50 प्रतिशत से अधिक न हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News